05 अगस्त, 2021

हाइकु (मित्र दिवस )

 



१-कहना नहीं

कुछ करना चाहे

इस काल में 

जीवन भार 

अब सहा न जाए

मैं क्या करूं 

३-तेरी निगाहें

तरकश का बाण

घायल करे

४-चपल हुई

जब भी मुस्कुराई

कितना रोकूँ

५- कहना है  क्या

उसको कहने दो

उदास न हो

६-छोड़ा दामन

बेघर होने लगा

किस के लिए

७-कविता लिखी

मन का भार छटा

प्रफुल्ल हुआ 

८-मन क्या है 

जब  समझ लिया

सोच के देखा 

९-प्यार किसी का 

भार नहीं मन का 

जियो खुशी से 

१०-मित्र दिवस 

मनाया है  फिर भी 

मीत न मिला 

११-स्वप्न दिखा है 

दिल बैठ रहा है 

होगा  जाने क्या  

आशा  


झ छटा

14 टिप्‍पणियां:

  1. सुप्रभात
    धन्यवाद आलोक जी टिप्पणी के लिए |

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  2. सुप्रभात
    आभार मीना जी मेरी रचना को शामिल करने के लिए |

    जवाब देंहटाएं
  3. कविता लिखी
    मन का भार छटा
    प्रफुल्ल हुआ
    बिल्कुल सही कहा आपने मैम
    सुंदर हाइकु

    जवाब देंहटाएं
  4. धन्यवाद साधना टिप्पणी के लिए |

    जवाब देंहटाएं

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