नमन तुम्हें हे जगदम्बे
हर बार तुम्हारे दर पर आई
खाली हाथ कभी न लौटी
सफल हुई सब कामना मेरी |
हे भगवती माँ शारदे
इसी तरह दरश देना हर वर्ष
वरद हस्त रख सर पर मेरे
देना आशीष मुझे |
मैं कुछ ऐसा कर जाऊं
अपना हित तो सब चाहते
मुझे पर हित की भी हो चिंता
दो ऐसा वरदान मुझे |
नमन तुम्हें हे माँ दुर्गे
तुम शक्ति की हो प्रतीक
मुझको इतनी शक्ति देना मां
सेवा सब की कर पाऊँ |
आशा
बहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंधन्यवाद टिप्पणी के लिए आलोक जी |
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंमनोकामना पूर्ण हो ! जो दूसरों की चिंता करते हैं ! देवी माँ उनकी चिंता करती हैं !
जवाब देंहटाएंसुप्रभात
जवाब देंहटाएंधन्यवाद साधना टिप्पणी के लिए |