13 अक्तूबर, 2021

नमन तुम्हें हे जगदम्बे

 




                                      नमन तुम्हें हे जगदम्बे

हर बार तुम्हारे दर पर आई

खाली हाथ कभी न लौटी

 सफल हुई सब कामना मेरी |

हे भगवती माँ शारदे

इसी तरह दरश देना हर वर्ष

वरद हस्त रख सर पर मेरे

देना आशीष मुझे |

मैं कुछ ऐसा कर जाऊं

अपना हित तो सब चाहते

मुझे पर हित की भी हो चिंता 

दो ऐसा वरदान मुझे |

नमन तुम्हें हे माँ दुर्गे

तुम शक्ति की हो प्रतीक

मुझको इतनी शक्ति देना मां

सेवा सब की कर पाऊँ |

आशा

6 टिप्‍पणियां:

  1. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

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  2. धन्यवाद टिप्पणी के लिए आलोक जी |

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  3. मनोकामना पूर्ण हो ! जो दूसरों की चिंता करते हैं ! देवी माँ उनकी चिंता करती हैं !

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  4. सुप्रभात
    धन्यवाद साधना टिप्पणी के लिए |

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