सुलभ सहज सजीले शब्द
जब करते अनहद नाद
मन चंचल करते जाते
अनोखा सुकून दे जाते
कर जाते उसे निहाल |
प्रीत की रीत निभा दिल से
जीने की राह दिखाते
सीधी सरल राह जब होती
मार्ग खोजने में आसानी होती
हम आसानी से तर जाते |
थल हो या जल हो
हो यदि वायु मार्ग
जिससे पहुँचने की हो चाह
कोई व्यवधान नहीं आता
मन संतुष्टि से भरता जाता
आशा |
आपकी इस प्रविष्टि के लिंक की चर्चा कल बुधवार (27-10-2021) को चर्चा मंच "कलम ! न तू, उनकी जय बोल" (चर्चा अंक4229) पर भी होगी!
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सूचना देने का उद्देश्य यह है कि आप उपरोक्त लिंक पर पधार करचर्चा मंच के अंक का अवलोकन करे और अपनी मूल्यवान प्रतिक्रिया से अवगत करायें।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
सुप्रभात
हटाएंआभार शास्त्री जी मेरी ५अचना की सूचना के लिए |
सुन्दर
जवाब देंहटाएंसुप्रभात
हटाएंधन्यवाद आलोक जी टिप्पणी के लिए |
सरलता में अपनी एक अलग ही खूबसूरत रवानगी होती है
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर
सुप्रभात
हटाएंधन्यवाद कविता जी टिप्पणी के लिए |
बहुत बढ़िया !
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