26 अक्टूबर, 2021

सरल सहज सजीले शब्द


 

सुलभ सहज सजीले शब्द

जब करते अनहद नाद

मन चंचल करते जाते

अनोखा सुकून दे जाते

कर जाते उसे निहाल |

प्रीत की रीत निभा दिल से 

जीने की राह दिखाते

सीधी सरल राह जब होती

मार्ग खोजने में आसानी होती 

हम आसानी से तर जाते |

थल हो या जल हो

 हो यदि  वायु मार्ग

जिससे पहुँचने की हो चाह

 कोई व्यवधान नहीं आता

मन संतुष्टि से भरता जाता

आशा  |

7 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी इस प्रविष्टि के लिंक की चर्चा कल बुधवार (27-10-2021) को चर्चा मंच         "कलम ! न तू, उनकी जय बोल"     (चर्चा अंक4229)       पर भी होगी!
    --
    सूचना देने का उद्देश्य यह है कि आप उपरोक्त लिंक पर पधार करचर्चा मंच के अंक का अवलोकन करे और अपनी मूल्यवान प्रतिक्रिया से अवगत करायें।
    -- 
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'   

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    1. सुप्रभात
      आभार शास्त्री जी मेरी ५अचना की सूचना के लिए |

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  2. उत्तर
    1. सुप्रभात
      धन्यवाद आलोक जी टिप्पणी के लिए |

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  3. सरलता में अपनी एक अलग ही खूबसूरत रवानगी होती है
    बहुत सुन्दर

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    उत्तर
    1. सुप्रभात
      धन्यवाद कविता जी टिप्पणी के लिए |

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