09 अक्टूबर, 2021

वर्ण पिरामिड


 

      है

   वही

   प्यार की

   डोरी कच्ची

 पर न टूटे

 जरा झटके से

 मजबूत दिल से है

बनी कच्चे सूत से है

पर मजबूर नहीं है |

    मैं

    घटा

    हूँ काली

   नापती हूँ

 समस्त व्योम

चाँद तारों संग

लुका छिपी खेलती

हर बार मात देती हूँ

उन्हें जिन्हें मैं प्रिय नहीं |

   है

  तेरी

 सुन्दर

छवि वही

मुझ में बसी

 दूर न मुझ से  

ना मैं करना चाहूँ

 सबसे प्यारी वह मुझे |

हूँ 

स्वप्न 

तेरा मैं

ख्याल नहीं

हकीकत हूँ 

कल्पना नहीं हूँ 

सपना सच न  हो 

यह हो नहीं सकता 

 मन का विश्वास  हूँ मैं |


आशा 

 

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