माँ तुम्हारी ममता ने
प्यार दुलार ने सुख दुःख में
सर हाथ से सहलाना
मैं आज तक भुला नहीं पाई |
बचपन में जब भी जरासी
तबियत बिगड़ जाती थी
खुद खाना पीना छोड़
मुझे सम्हालती रहती थीं |
कभी डाटा नहीं सिर्फ समझाया
मुझे मिला संबल जब प्यार से समझाया
कभी उदास न होने दिया
ना ही कोई कमीं रखी
चाहे कितनी ही कठिनाई आई
मैंने तुम्हारे आँचल में शरण पाई |
जब बचपन में शरारत करती थी
तुम्ही मुझे प्यार से समझातीं थी
धूल धूसरित घर आती
तब जरूर डाट खाती
थी
जान जाती थी गलती अपनी |
तुमने जानी मेरी क्या थी समस्या
खुद ने अपना सारा जीवन किया
निसार उचित अनुचित का ज्ञान दिया
हर कदम पर ध्यान दिया |
मार्ग दर्शक तुम्हे बनाया
सबल सफल व्यक्तित्व जो आज है
है तुम्हारी ही देन
पहले
नहीं थी समझ मुझे
जब माँ बनी तब
माँ का जीवन देखा
अब समझ आया |
मेरी माँ सब से अच्छी
इस दुनिया में
हर सफलता है देन तुम्हारी
अब मेरी समझ में आया |
आशा
आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" पर सोमवार 09 मई 2022 को लिंक की जाएगी ....
जवाब देंहटाएंhttp://halchalwith5links.blogspot.in पर आप सादर आमंत्रित हैं, ज़रूर आइएगा... धन्यवाद!
!
नमस्ते,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा सोमवार 09 मई 2022 को 'तो क्या कुछ भी नहीं बदला ?' (चर्चा अंक 4424) पर भी होगी। आप भी सादर आमंत्रित है। 12:01 AM के बाद आपकी प्रस्तुति ब्लॉग 'चर्चामंच' पर उपलब्ध होगी।
चर्चामंच पर आपकी रचना का लिंक विस्तारिक पाठक वर्ग तक पहुँचाने के उद्देश्य से सम्मिलित किया गया है ताकि साहित्य रसिक पाठकों को अनेक विकल्प मिल सकें तथा साहित्य-सृजन के विभिन्न आयामों से वे सूचित हो सकें।
यदि हमारे द्वारा किए गए इस प्रयास से आपको कोई आपत्ति है तो कृपया संबंधित प्रस्तुति के अंक में अपनी टिप्पणी के ज़रिये या हमारे ब्लॉग पर प्रदर्शित संपर्क फ़ॉर्म के माध्यम से हमें सूचित कीजिएगा ताकि आपकी रचना का लिंक प्रस्तुति से विलोपित किया जा सके।
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
#रवीन्द्र_सिंह_यादव
बहुत सुंदर!!!
जवाब देंहटाएंThanks for the comment sir
जवाब देंहटाएंआपने बहुत ज़रूरी बात याद दिला दी. मेरी माँ मेरे लिए दुनिया में सबसे अच्छी है.
जवाब देंहटाएंअति उत्तम
जवाब देंहटाएंThanks for the comment
हटाएंउम्मदा सृजन
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंमाँ की महिमा को अभिव्यक्त करती सुन्दर प्रस्तुति !
जवाब देंहटाएं