माँ तुम्हारी ममता ने 
प्यार दुलार ने सुख दुःख में 
सर हाथ से सहलाना 
मैं आज तक भुला नहीं पाई |
बचपन में जब भी जरासी 
तबियत बिगड़ जाती थी 
खुद खाना पीना छोड़ 
मुझे सम्हालती रहती थीं |
कभी डाटा नहीं सिर्फ समझाया 
मुझे मिला संबल जब प्यार से समझाया
कभी उदास न होने दिया 
ना ही कोई कमीं रखी 
चाहे कितनी ही कठिनाई आई
 मैंने तुम्हारे आँचल में शरण पाई |
जब बचपन में शरारत करती थी 
तुम्ही मुझे प्यार से समझातीं थी 
धूल धूसरित घर आती
 तब जरूर डाट खाती
थी
जान जाती थी  गलती अपनी | 
तुमने जानी मेरी क्या थी समस्या
 खुद ने अपना सारा जीवन  किया
 निसार उचित अनुचित का ज्ञान दिया 
 हर कदम पर ध्यान दिया |
मार्ग दर्शक तुम्हे बनाया  
सबल सफल व्यक्तित्व जो आज है 
है  तुम्हारी  ही देन  
पहले
नहीं थी समझ मुझे 
 जब माँ बनी तब 
माँ का जीवन देखा 
अब समझ आया | 
 मेरी माँ सब से अच्छी 
इस दुनिया में 
हर सफलता है देन तुम्हारी 
अब मेरी समझ में आया |
आशा