28 फ़रवरी, 2023

ग्लोबल वार्मिंग



सूखा सावन रहा 

सर्दी भी नहीं भर पूर 

 अभी से  गर्मीं का  

एहसास हो रहा |

क्या यह नमूना नहीं 

ग्लोवल वार्मिग का     

असमय मौसम में

परिवर्तन हुआ जाता |

अभ्यास नहीं इस का 

पर जीवन यहीं बिताना है 

इस बदलाव के संग जीना है 

उसे  ही खोजने में 

वैज्ञानिक जुटे हुए हैं |

 मनुष्य ही जुम्मेंदार है 

इस परिवर्तन के लिए 

इससे कैसे बचा जाए 

अब खोज रहा है |

आशा सक्सेना 



3 टिप्‍पणियां:

Your reply here: