कविता का गीत बड़ा मदिर
सब से मधुर सब से मीठा
गाने के शब्द भी चुन लिए
कोमल भावों को सजाया वहां |
मधुर धुन उसकी गुनगुनाती
एक आकर्षण में बहती जाती
कलकल कर बहती नदिया सी
लहरों पर स्वरों का संगम होता |
यही विशेषता है उन दौनों में
एक ही ताल पर शब्दों का
थिरकना
मनभावन रूप में सजाए जाना एक नया
रूप दिखाई देता गीत जीवंत हो जाता |
आशा सक्सेना
सुन्दर भावाभिव्यक्ति ! बहुत खूब !
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