22 मई, 2023

जीवन एक वृक्ष जैसा

 

जीवन एक पेड़ जैसा

पहले पत्ते निकलते

फिर डालियाँ हरी  भरी होतीं

वायु के संग खेलतीं

धीरे धीरे कक्ष से

 कलियाँ निकलतीं

पहले तो वे हरी होतीं

फिर समय पा कर

खिलने लगतीं तितली आती

इन से छेड़छाड़ करतीं

भ्रमर भी पीछे ना

वे प्यार में ऐसे खो जाते

पुष्प की गोद में सिमट  रहते

जब तक संतुष्टि ना हो

वहीं  सो  रहते

मन भर जाते ही अपनी राह लेते

इन तीनों का खेल देखने में 

बड़ा मनोरम लगता

हरी डाल पर रंगीन पुष्प अद्भुद द्रश्य होता |

आशा अक्सेना

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