12 जुलाई, 2023

किसने बदले तेवर उपजाऊ धरा के

 जब बरसा पानी धरा पर  कीचड़ हुआ 

मट्टी उलट पलट हुई

 कहीं अति का जल भरा 

कहीं सूखा पडा |

उस पर मौसम का प्रभाव पडा 

जहां बीज बोए गए थे 

वे प्रस्फुटित  ना हुए \|

जहां खेत खाली पड़े थे 

कुछ बोने का मन ना  हुआ

कोई निश्चितता नहीं थी 

वर्षा के आगमन की |

यहू सब सोच किसान हुआ उदास 

यहाँ  वहां भटक रहा था क्या करे 

किसकी सलाह से

 नुकसान नहीं होगा |

फसल के पकने पर |

मन को दिलासा दे रहा था 

अपनी फसल को 

भगवान् भरोसे छोड़ |

यदि भाग्य ने साथ दिया 

फसल अच्छी ही होगी

 यही सोच संतुष्ट हुआ

उसने भरोसा किया भाग्य पर |

प्रभू की दया पर 

और आत्मविश्वास पर 

प्रभु ने एक दृष्टि की उस पर 

यही एक सहारा था उसका |

आशा सक्सेना 

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