24 जुलाई, 2023

मन की शान्ति

 कविता है बड़ी छोटी सी 

 अर्थ गूढ समझ से बाहर 

जब भी गहन अध्यन किया 

बड़ा आनन्द  आया |

खेल खेल में ले किताब  हाथ में 

 पढ़ने का शौक पनपा 

धीरे धीरे  बढ़ने लगा 

पर विषय वार पुस्तकों से हुई दूरी 

प्रभाव दिखने लगा 

पढाई में मन ना  लगा |

नंबरों की घटती संख्या 

ने सब को सतर्क किया 

चाहे जब डाट पड़ने लगी 

 समझ में आई अपनी गलती 

समय निर्धारण हर काम का

 नहीं किया था अब सारी पढाई

 चौपट होते दिखी

 बार बार रोका टोकी की जब सब ने 

समझ में आई अपनी भूल 

मन को क्लेश हुआ |

अब वक्त का महत्व समझा 

  फिर पढ़ने में मन लगाया 

अब किसी को कोई शिकायत नहीं है 

अपनी किताब पढने के लिए

 समय निर्धारित किया 

अब किसी को शिकायत नहीं थी 

उसे भी मन में शान्ति मिली

आशा सक्सेना 


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