आज गुरू पूर्निमा है सभी गुरू जन को शत शत नमन-
प्रथम गुरू माता , जिसने जन्म दिया
धरती पर आने का मार्ग प्रशस्त किया
पिता ने उंगली पकड़ चलना सिखाया
बचपन में सहारा दिया ज्ञान दिया |
किशोरवय में मित्रों ने राह दिखाई
सही या हालत जान ना पाई
यौवन आते ही अनुभवों से बहुत कुछ सीखा
कभी गलत अनुभवों से बच कर रहने की |
सीख से भी नहीं मुह मोड़ा
यही शिक्षा जीवन में मैं ली
जीवन के अंतिम भाग में
एक अच्छे नागरिक बन के रहे |
जाने कितने लोगों ने मेरा
अनुकरण करने की कसम खाई
मझे गर्व है अपने गुरुओं पर
जिनने मुझे काबिल बनाया
उनको शत शत नमन |
आशा सक्सेना
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
Your reply here: