यह चमक दमक देखते
आकृष्ट होते इस दुनिया के आकर्षण से
जो भी वस्तु होती नवीन और आकर्षक
उसे पाने की मनोकामना रखते |
ये दुनिया जैसी है वैसी दिखाई नहीं देती
कई मुखोटे लगे यहाँ रहने व़ालों से चहरे पर
उनकी असलियत पहचानी नहीं जा सकती
कथनी और करनी में अंतर बहुत है |
यदि होते एक सामान बात ही कुछ और होती
सफलता से दूर ना होते
खुश हाली जीवन में आतीजीवन को रंगीन बनाती |
जो लोग सारी चमक से दूर रहते
वे ही सफल होते जीवन में
यदि सफलता ना आती जीवन में
वे अपनी करनी को कैसे असफल होने देते |
यदि जीवन बेरंग होता जीवन से मन उचट जाता
बेनूर जिन्दगी का क्या फ़ायदा वह ना तो खुद जीवंत रह पाती
नाही अपनी खुशियाँ बांट पाती अपनों
|इन सतही जीवन के वादों से क्या लाभ
समझते ही नहीं दिखावे की दुनिया जीने वाले
सभी सतही बातों से जीता नहींजा सकता
ऐसे दिखावे की दुनिया में कोई कैसे जीए |
आशा सक्सेना
शानदार रचना
जवाब देंहटाएंआभार
सादर
धन्यवाद यशोधरा जी टिप्पणी के लिए |
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