क्या खोजे निगाहें तेरी
किसे ढूँढें पर अभी तक
कोई समाचार नहीं उसका
कहाँ राह में भटक गईं
किसी से पूंछा तो होता
अब तक यहाँ पहुँच ही जातीं
कभी सोचा नहीं तुम राह भूल जाओगी
मैंने तो कहा था किसी को लेने भेजूं
अपने को सक्षम समझा
और उसने इनकार किया
धीरे से कोशिश की जब
वह सफल हुई
पहुंची अपने गंतव्य तक |
आशा सक्सेना
बहुत खूबसूरत
जवाब देंहटाएंअन्य्वाद ओंकार जी
जवाब देंहटाएंधैर्य से सब कुछ प्राप्त हो जाता है !
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