जब वीणा का तार
बजा मधुर स्वर र्में
किसी को बाध्य ना होना पड़ा
यही सब सीखने के लिए |
मन में रहा उत्साह
नया सीखने के लिए
जब कोशिश की देर ना लगी
कुछ भी सीखने में |
यह एकाग्रता है ईश्वर प्रदत्त
है विशेष गुण जन्म से
सभी खुश होते कुछ नया देखकर
तारीफ विशेष होती यह जान कर
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बेटी बहुत गुणी है
यही सब सुनने में आता
मां का दिल कभी ना हारता|
आशा सक्सेना
सुन्दर पंक्तियाँ
जवाब देंहटाएंसुंदर रचना
जवाब देंहटाएंमां का दिल कभी ना हारता|❗बहुत सुन्दर पंक्तियाँ ❗साधुवाद ❗--ब्रजेन्द्र नाथ
जवाब देंहटाएंउम्दा लिनक्स से सजा आज का अंक |मेरी रचना को स्थान देने के लिए आभार सहित धन्यवाद |
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर !
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