आज का दिन खुशियों से भरा था
आज जीवन को कुछअलग सा हुआ अहसास
कितने लोग पहले से आऐ था
आज शाम के कार्यक्रम की प्रतीक्ष में
सभी बड़े प्रसन्न थे
गीत गा रहे ढोलक की थाप पर
दोपहर को समाचार आया
व्यस्तता अधिक बढी
गौधुली बेला में पंडित जी आए थे भोपाल से
गुडिया की तरह सजाई गई दुलहन
मन्त्रों की छाँव में विवाह सम्पन्न हुआ
जीवन की कठिनाइयों का आभास तक ना हुआ
जिन्दगी रंगीन दिखाई दी
ईश्वर के हाथों जीवन सोंप दिया
आशा सक्सेना
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