14 नवंबर, 2023

असंतुलन के आयाम

 

राग द्वेष माया मोह

जब हों  दूर जीवन से

 सफल जीवन की आशा की जाए

यदि एक का संतुलन बिगड़े

 दूसरा भी बहे उसी के साथ |

आशा निराशा के झूले में

जीवन झूले बहुत डर के

आत्म बिश्वास कम तर हो जाए

यदि किसी की वर्जना मिले |

हम प्यार को तरसे जीवन में

जब किसी का संबल ना मिले

घोर निराशा से घिरे

 बच ना पाए इससे |

यही कमीं रही खुद में

बच  ना पाए इन कुटेवों से  

सफल ना हुए जीवन में

 खुशहाली  पा ना  सके |

जिसने भी मन्त्र दिए खुशी पाने के लिए

कोई भी सफल ना हो पाए  

पीछे हट कर  मांफी मांगी

हम जिए अपने हाल पर |

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