गीत के लिए मन का
मीठा होना है आवश्यक
यह मिठास जब आएगी
मन में चैन आएगा |
खुशहाली होगी हर ओर
हरियाली लेगी मन मोह
मन की मिठास पैदा होगी
तभी वाणी मीठी होगी|
यह है सोच का प्रताप
बुद्धि का परिष्कार
जिसने जैसा सोचा
उसकी बोली हुई वैसी |
यही मिठास उसे
सब के पास ले जाएगी
सामाजिक बनाएगी
वह मधुर गीत गाएगी
जीवन सफल होगा उसका |
आशा सक्सेना
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
Your reply here: