कल की सुबह जब होगी
आने वाले वर्ष का इन्तजार रहेगा
जाने वाले कल ने विदा चाही
जाने कितने अधूरे रहे काम जो पूर्ण न हो पाए
उनकी पूर्ती करना जरूरी है |
यदि सोचा समझा नहीं कार्य जो शेष हैं
वे ऐसे ही रह जाएंगे कभी पूर्ण न हो पाएंगे |
हम अपने आप से बादा करलें
आगे बढ़कर आने वाले वर्ष में
कदम बढ़ाकर पीछे न हटाएंगे
कभी हार किसी से न मानेगे |
आने वाला वर्ष बहुत सी खुशिया लाएगा
तभी जोर शोर से उसका स्वागत किया जाएगा
सारे कार्य जब संपन्न होंगे
मन को सुकून मिलेगा |
आशा सक्सेना
आमीन ! नया साल सबके लिए खुशियों की सौगात लाये यही कामना है !
जवाब देंहटाएंधन्यवाद साधना टिप्पणी के लिए |
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