07 मार्च, 2024

जीवन क्या चाहे

 

इन सारी हरकतों का |

बेमतलब की तांका झाकी

सब को रास न  आती

मन को जब रास न आए

जिन्दगी ही रूठ जाए |

सही राह मिलते ही

जीवन सही पटरी पर आना नहीं चाहता 

जाने के लिए अपना मन बनाए

इघर उधर झांकते

सारा जीवन बीत गया है

यूँही इधर उधर झांकते

कोई हल नहीं निकला

सितारा देखा जब भी

तुम से किसी की तुलना नहीं हो पाई |

तुम चाँद और तारे आसपास तुम्हारे

तुम सा कोई नहीं आकाश गंगा में

जैसे भी हो सब से अलग हो 

 हो सारे आसमान में |

बड़ी सफलता पाई इसरो  ने

तुम पर भारत का तिरंगा झंडा फैला कर

मोदी जी ने भी  की प्रशंसा

यहाँ की  प्रगति देख कर |

आशा सक्सेना

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