नयन सजल हैं
11 जनवरी, 2022
नयन सजल हैं
09 जनवरी, 2022
हूँ कितनी सक्षम
हूँ कितनी सक्षम
अपने आप में
जब बर्तोगे मुझे
तभी जान
पाओगे |
कहने सुनने की
आवश्यकता नहीं
खुद देखोगे तभी
निर्णय
ले पाओगे |
है कितना विश्वास
खुद पर मुझे
हूँ समर्थ मन से
किसी की आश्रितं नहीं मैं
यही विश्वास दिलाना
चाहती हूँ तुम्हें भी
अपनी क्षमता जान
कदम बढाए मैंने
किसी कार्य को करने से
भय भीत नहीं मैं |
हूँ आज की नारी
पहले सी कमजोर नहीं हूँ
अपने कर्तव्य व अधिकारों को
खूब समझती हूँ |
समाज के नियमों का
पालन करती हूँ
केवल अधिकारों की चाहत ही
नहीं
हैं प्रिय मुझे |
कर्तव्य ही सब से पहले
पूर्ण करती हूँ
किसी की रोकाटोकी
मुझे
नहीं भाती |
यही आदत मुझे
सब का बुरा बनाती
फिर भी अपनी सीमाएं
पहचानती हूँ |
हूँ आज के भारत की नारी
यही क्या कम है
किसी बैसाखी की
आवश्यकता नहीं मुझको |
किसी भी क्षेत्र में अपनी
सफलता सिद्ध कर सकती हूँ
अपना संरक्षण खुद
कर सकती हूँ |
आशा
हाइकु (हिन्दी दिवस )
हैं हिन्दी भाषी
भारत के निवासी
है बोली हिन्दी
भाषा है हिन्दी
सरल सहज है
व्याकरण भी
हैं हिन्दुस्तानी
भारत के निवासी
बोलते हिन्दी
बिंदी हिन्दी की
निखारे भाषा मेरी
भाल की टीकी
बोल चाल की
होती भाषा सरल
हिन्दी भाषा की
बड़ी सरल
सुनना समझना
भाषा है हिन्दी
भाषा प्रवाह
खुद को मिला लेता
अन्य भाषा से
भाषाएँ
कई
समा जातीं हिन्दी
में
छोड़तीं नही
संपर्क भाषा
सरलता से होती
भाल की बिंदी
अपनी भाषा
प्रिय है मुझ को भी
हिन्दी साहित्य
आशा