28 दिसंबर, 2023

जिन्दगी जीने के लिए हैं आवश्यक

 

जिन्दगी जीने के लिए  क्या चाहिये

क्या रोटी कपड़ा और मकान चाहिए

इन साधनों से क्या होता है

 केवल शरीर ही चल सकता है मन नहीं |

शरीर के अलावा कुछ और भी होता है

नाम है  जिसका मन 

 कोई रूप रंग नहीं उसका

यदि  उसका ध्यान नहीं रखा 

तब  वह नाराज बना रहता |

उसकी भी संतुष्टि चहिये 

उस हेतु  यत्न करना होते हैं 

जितनी आवश्यकताएं पूर्ण होगी 

तभी सफल जीवन होगा

उतना ही मन प्रसन्न होगा

 जीवन भर खुशियों के  फूल खिलेंगे |

 रोटी कपडे और मकान की जरूरत से भी 

मुंह फेरा नहीं आ सकता

ये और मन की संतुष्टि  दौनों हैं 

 आवश्यक सुखी जीवन के लिए |

आशा सक्सेना

27 दिसंबर, 2023

हाइकु (बरसात )

 

1  -हैं सुनहरी 

शाम की रंगीनियाँ

सूरज ढला 

२-हरी पत्तियाँ

वृक्षों पर सोहतीं

मुरझा गईं

३-है हरा भरा 

बगिया का आलम

माली है  खुश 

४-सावन आया

झरझर बरसा

टपका जल

५-बरसा जल

ओले बरस रहे

हवा के साथ  

६- ओले पड़ते 

धीमें धीमें बाहर 

थाली में रखे 

७-ओले का पानी 

उपयोगी दवा  है 

अपने लिए |

आशा सक्सेना 

26 दिसंबर, 2023

आने वाला वर्ष

 कल की सुबह जब होगी 

आने वाले वर्ष  का इन्तजार रहेगा 

जाने वाले कल ने विदा चाही 

जाने कितने अधूरे रहे काम जो पूर्ण न हो पाए 

उनकी पूर्ती करना जरूरी है  |

यदि सोचा समझा नहीं कार्य जो शेष हैं 

 वे ऐसे ही रह जाएंगे कभी पूर्ण न हो पाएंगे |

 हम अपने आप से बादा करलें 

आगे बढ़कर  आने वाले वर्ष में  

 कदम बढ़ाकर पीछे न हटाएंगे  

कभी हार किसी से न मानेगे |

आने वाला वर्ष बहुत सी खुशिया लाएगा 

तभी जोर शोर से उसका स्वागत किया जाएगा 

सारे कार्य जब संपन्न होंगे 

मन को सुकून मिलेगा  |

आशा सक्सेना 



25 दिसंबर, 2023

हाइकु(प्यार )

१- किसी की याद 

भूल नहीं पाती हूँ 

कितना  सहूँ 


२-मन में आए 

काँटों सा  चुभ जाए 

मनको खले 


३-प्यार आए 

अबोधों पर  फैले 

मन में छिपे 



४-वह  प्यार है 

या  दिखता  छल है 

मालूम किसे 


५-मन का प्यार 

कोई छलावा नहीं 

सच्चा रहता  


६- मैंने किसी से 

छलावा नहीं किया 

प्यार किया है 

24 दिसंबर, 2023

हैप्पी क्रिसमस

 


                                                       अगला 
 कक्ष सजाया विशेष हमने 

बनाया केक और मिठाइयां

स्वागत में सांता क्लाज के लिए |

आज क्रिसमस  ट्री  लाए 

पेड़ सजाने के लिए खिलोने भी लाए 

बहुत समय हो गया अब है इंतज़ार

उसके आने का और उसके तोहफों  का |

सभी ने सोचा सांता

 क्या लाएगा उनके लिए

गिर्जाघर में प्रार्थना हुई

 सब ने आपस में हैप्पी क्रिसमस कहा |

रात हुई चर्च की घंटी बजी

 आहट किसी  के आने की हुई

 द्वार खोल कर जब  देखा

 पहले जैसा सांता समक्ष ना था

 बहुत कमजोर दिखा |

एक थैला लिए अपने कन्धों पर

 थैला भी  छोटा देख चिंता हुई कारण पूंछा

क्या सांता कम खिलोने  लाए हो

 बच्चों के लिए

सांता ने थैली छोटी होने का कारण बताया

ख़ुशी से  कहा|

राह में कुछ बच्चों से मिले 

उनको दे दिए कुछ 

 बच्चे बहुत खुश हुए

उनकी खुशी देख  सांता भी हुए प्रसन्न |

यह दया भाव  देख उसका  

हमें अपार प्रसन्नता हुई  

जो भी वह लाया हम सब ने मिल कर लिया खुशी से   

हैप्पी क्रिसमास मनाया  |   

आशा सक्सेना           

  

 

23 दिसंबर, 2023

चिलमन की ओट से

 जब भी उसने झांका चिलमन की ओट से 

काली कजरारी आँखों की दृष्टि उस पर पड़ी 

नजर मिली वह  शरमाई  चेहरा सुर्ख हुआ 

देखते ही बनता था उस की मूरत को |

उसकी सूरत तो न देख पाया

 पर छाया से ही संतुष्टि कर पाया 

सुनी चूड़ियों की खनक पायलों की रुनझुन 

अपने बहुत पास तक 

पर हाथों से छू न सका  |

सोचा वह दिन कब आएगा

 जब इन्तजार होगा समाप्त 

प्रिया के हाथ उसकी बाहों में होंगे 

वह  अपने को  धनवान मानेगा |

आशा सक्सेना 


22 दिसंबर, 2023

प्रभु क्या चाहे

 



मेरा प्रभु  चाहे 

महक चन्दन की

खुश्बू पुष्पों की   

सुगंध  मिट्टी  की|

है ईश्वर की नियामत  

यही प्रभू चाहता  

अर्पित  की मैने

ईश्वर है भाव का भूखा

किसी वस्तु का नहीं |

है वक्त पर मददगार

बिना किसी बाध्यता के 

वह सच्ची आस्था को

जानता पहचानता है |

 लगाव हो उससे

कोई नहीं भी मांगे

अपने लिए बिना मांगे

सब प्राप्त होता है |

सच्ची आस्था  

है  आवश्यक  

उसे मनाने को

और कुछ नही चाहिए |

वह खुद ही

जान जाता है

याचक को

क्या चाहिया |

 

आशा सक्सेना