रति पती ने घूमने का मन बनाया
सारा माहोल बदला हुआ वासंती |
शिवजी का मन हुआ अनंग
हर ओर प्रकृति में रंगीनी छाई
खुशहाल मौसम ने जीवन ने ली अंगडाई
रति पती ने घूमने का मन बनाया
सारा माहोल बदला हुआ वासंती |
शिवजी का मन हुआ अनंग
हर ओर प्रकृति में रंगीनी छाई
खुशहाल मौसम ने जीवन ने ली अंगडाई
जिदगी ने कितने रूप बदले
अपने अस्तित्व को सजाने के
लिए
अपने मन को उस जैसा बनाने के लिए
अपने अस्तित्व को सजाने के
लिए
अपने मन को उस जैसा बनाने
के लिए
जिसकी चाह रही कब से पूरी
करने के लिए |
बहुत ली सलाह भिन्न भिन्न
लोगों से ली
कभी किसी की नक़ल कर
पर जरासा सुकून भी न मिला
मन
मन का ताप कम न हो सका
अब किसी ने कहा अपने दिल की
सोचो
गहराई मैं उतरो
तभी कुछ फल हासिल कर पाओगे
है कठिन परीक्षा की घड़ी
कठिन परीखा फल को जब भोगोगे
मनको हिमत मिलेगी
सफलता कदम चूमेंगी
आशा सक्सेना
एक चाह थी गीत गाने ही
कभी गाया भी गुनगुनाया भी
सब ने कहा कितना सुन्दर गीत है
यही तो चुनना था तुम्हारे लिए |
जब यह गीत चुना गया चुना गया मन का
मेरे मन की बात की पूरी हुई ,कथानक चयन किया
मेरे मन को संतुष्टि का प्रसाद मिला यही विशेष अशीश पाया,जिसका पूर्णसदुपयोग किया|
आशा सक्सेना
इन सारी हरकतों का ,
बेमतलब की तांका झाकी
सब को रास न आती
मन को जब रास न आए
जिन्दगी ही रूठ जाए |
सही राह मिलते ही
जीवन सही पटरी पर
नहीं चलता
जाने के लिए अपना मन बनाए
इघर उधर झांकते
सारा जीवन बीत गया है
यूँही इधर उधर झांकते
कोई हल नहीं निकला
सितारा देखा जब भी
तुम से किसी की तुलना नहीं हो पाई |
तुम चाँद और तारे आसपास तुम्हारे
तुम सा कोई नहीं आकाश गंगा में
जैसे भी हो सब सेअलग हो
हो सारे आसमान में
बड़ी सफलता पाई इसरो ने स्पेस में
तुम पर भारत का तिरंगा झंडा फैला कर
प्रधान मंत्री ने की प्रशंसाभूरीभुरी वैज्ञानिकों की
यहाँ की प्रगति देख
सारा देश हुआ गौरान्वित |
आशा सक्सेना
इस हरी भरी बगिया
में
कितनी मदमस्त बयार
है
माली अपनी मेंहनत पर
झूम झूम जाता है |
कितनी मेहनत कर रहे
हो
मन उत्फुल्ल हो जाता है
बहुत मेंहनत लगती है
जरा ज़रा से कार्य में |
जब कोई तारीफ
करता हैं
मन बाग़ बाग़ होता है
माली फूला नहीं समाता
अधिक उत्साह से जी जान से जुट जाता है |