दो नैनों के नीले समुन्दर में
तैरती दो सुरमई मीन
दृश्य मनमोहक होता
जब लहरें उमड़तीं
पाल पर करतीं वार
अनायास सुनामी सा
कहर टूटता
थमने का नाम नहीं लेता !
है ये कैसा मंज़र
न जाने कब
नदी का सौम्य रूप
नद में बदल जाता !
हृदय विदारक पल होता
जब गोरे गुलाबी कपोलों पर
अश्रु आते, सूख जाते हैं
निशान अपने छोड़ जाते हैं !
आशा सक्सेना