भवें लगती कमान
नयनों के सैन बाण ,
निशाना भी है कमाल
यूँ ही व्यर्थ जाए ना |
पानी व दर्प उसका
लगता सच्चे मोती सा ,
बिना प्रीतम से मिले
चैन उसे आए ना |
प्रिय मिलन की आस
लगी लौ हुई बेहाल ,
विचित्र हाल मन का
पर बतलाए ना |
मिला जब मीत आज
खुशी का ना कोइ नाप ,
छलकने लगा प्यार
समेटा भी जाए ना |
आशा
नयनों के सैन बाण ,
निशाना भी है कमाल
यूँ ही व्यर्थ जाए ना |
पानी व दर्प उसका
लगता सच्चे मोती सा ,
बिना प्रीतम से मिले
चैन उसे आए ना |
प्रिय मिलन की आस
लगी लौ हुई बेहाल ,
विचित्र हाल मन का
पर बतलाए ना |
मिला जब मीत आज
खुशी का ना कोइ नाप ,
छलकने लगा प्यार
समेटा भी जाए ना |
आशा
वाह! बहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंइस पर भारतेन्दु जी की एक कविता याद आ गई- ‘पिय प्यारे तिहारे निहारे बिना अंखिया दुखिया नहि मानती हैं'
जवाब देंहटाएंमिला जब मीत आज
जवाब देंहटाएंखुशी का ना कोइ नाप ,
छलकने लगा प्यार
समेटा जाए ना |
मीत मिलता है तो खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहता...
बहुक प्यारी...
बहुत बहुत...प्यार भरा इंतज़ार प्रियतम का
जवाब देंहटाएंBahut pyari , komal , khubsurat kavita ke liye aabhar.
जवाब देंहटाएंBahut pyari , komal , khubsurat kavita ke liye aabhar.
जवाब देंहटाएंबेहतरीन कविता।
जवाब देंहटाएंसादर
badhia kavita
जवाब देंहटाएंमिला जब मीत आज
जवाब देंहटाएंखुशी का ना कोइ नाप ,
छलकने लगा प्यार
समेटा भी जाए ना
बहुत सुन्दर शब्द संयोजन , सुन्दर प्रस्तुति
अच्छा लिखा है आपने
जवाब देंहटाएंवाह दीदी क्या खूब घनाक्षरी प्रस्तुत की है आपने| आप से और भी ऐसी कई घनाक्षरियों की उम्मीद जाग गई है अब तो|
जवाब देंहटाएंआज तो कमाल कर दिया आपने ! बहुत ही खूबसूरत रचना है ! बहुत सधी हुई और नपी तुली ! इसी तरह हमें प्रतिदिन चमत्कृत करती रहिये ! पढ़ कर मज़ा आ गया !
जवाब देंहटाएंबहुत खूबसूरत रचना
जवाब देंहटाएंमिलन पर सुन्दर अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंखूबसूरत अभिव्यक्ति. आभार.
जवाब देंहटाएंसादर,
डोरोथी.
अच्छे शब्द ,बेहतरीन कविता , बधाई
जवाब देंहटाएंबहुत बढिया प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंबहुत बढिया प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंआपको मेरी हार्दिक शुभकामनायें.
लिकं हैhttp://sarapyar.blogspot.com/
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बहुत सुन्दर आनन्द से भरपूर रचना। बधाई।
जवाब देंहटाएंप्रेम को समेटना वैसे भी आस्दान नहीं ... दीर पिया मिलन का प्रेम ... कमाल की रचना है ...
जवाब देंहटाएंसुंदर अभिव्यक्ति..!!
जवाब देंहटाएंकल 29/07/2011 को आपकी एक पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
जवाब देंहटाएंधन्यवाद!
वाह!! सुन्दर प्रवाह मयी रचना... आनंद आ गया पढ़कर...
जवाब देंहटाएंसादर....
वाह ...बहुत ही अच्छी प्रस्तुति ।
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