मैं दीपक तुम बाती
मिट्टी मेरी माँ
हूँ कठोर
नष्ट तो हो सकता हूँ
पर जल कर राख नहीं
तुम बाती
जन्मीं कपास से
आहार जिसे मिला
मेरी ही माँ से
तुम कोमलांगी गौर वर्ण
स्नेह से भरपूर
ज्वाला सी जलतीं
कर्तव्य समझ अपना
तम हरतीं
अपनी आहुति देतीं
पर हितार्थ
है सम्बन्ध अटूट
मेरा तुम्हारा
मैं कठोर पर तुम कोमल
यह कैसा संयोग
गहरी श्वास ले
तुम तो चली जाती हो
एक अमिट काली लकीर
यादों की मुझ पर
छोड़ जाती हो
जब रह जाता एकल
कभी तोड़ दिया जाता
या फैक दिया जाता हूँ
है कैसा सम्बन्ध
परस्पर हम दौनों में
मैं सोच नहीं पाता |
आशा
आशा
वाह...
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर आशा जी....
दिया बाती का रिश्ता है ही कुछ ऐसा...
सादर
अनु
आपको टिप्पणी हेतु धन्यवाद अनु जी |इसी प्रकार मेरे ब्लॉग पर आकार अपनी टिप्पणी से प्रोत्साहित करती रहें |
हटाएंआशा
nice .thanks
जवाब देंहटाएंTIME HAS COME ..GIVE YOUR BEST WISHES TO OUR HOCKEY TEAM -BEST OF LUCK ..JAY HO !
टिप्पणी हेतु धन्यवाद शिखा जी |बहुत अच्छा लगा की आप मेरे ब्लॉग पर आईं |आशा
हटाएंदिये और बाती के रिश्ते को कहती सुंदर रचना
जवाब देंहटाएंआपकी टिप्पणी लेखन को प्रोत्साहित करती है |ऐसा ही स्नेह बनाए रखें |
हटाएंआशा
बहुत सुंदर रचना ...
जवाब देंहटाएंअनुपमा जी मुझे आपकी प्रतिक्रियाओं की प्रतीक्षा रहती है |ऐसा ही स्नेह बनाए रखें |
हटाएंआशा
सुंदर रचना ..
जवाब देंहटाएंअरुण जी आपकी रचना ईश्वर पढ़ी |बहुत अच्छी लगी पर टिप्पणी बॉक्स न खुलने के कारण टिप्पणी नहीं डाल सकी |आपको टिप्पणी हेतु धन्यवाद |
हटाएंआशा
आपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टि की चर्चा कल मंगलवार को ३१/७/१२ को राजेश कुमारी द्वारा चर्चामंच पर की जायेगी आपका स्वागत है
जवाब देंहटाएंआपकी सूचना मिली इस हेतु आभार |कविता अच्छी लगी जान कर प्रसन्नता हुई |टिप्पणी हेतु धन्यवाद |
हटाएंआशा
परस्पर संबंधों को समझना बहुत जरूरी है ।
जवाब देंहटाएंटिप्पणी हेतु धन्यवाद |आशा
हटाएंजब रह जाता एकल
जवाब देंहटाएंकभी तोड़ दिया जाता
या फैक दिया जाता हूँ
है कैसा सम्बन्ध
परस्पर हम दौनों में
मैं सोच नहीं पाता,,,,,
सम्बन्ध ही कुछ ऐसा है,,,दिया और बाती का कि समझ पाना मुश्किल है,,,,
RECENT POST,,,इन्तजार,,,
यह कैसा संयोग
जवाब देंहटाएंगहरी श्वास ले
तुम तो चली जाती हो
एक अमित काली लकीर
यादों की मुझ पर
छोड़ जाती हो
बहुत सुन्दर पंक्तियाँ हैं ! बहुत ही प्यारी रचना ! आनंद आ गया इसे पढ़ कर !
दीया और बाती का रिश्ता ही ऐसा है ..बहुत सुन्दर..
जवाब देंहटाएंकुछ रिश्ते अधूरे रहने के लिए ही बने होते हैं ....
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