05 जून, 2015

पर्यावरण

आज पर्यावरण दिवस है कुछ विचार बांटना  चाहूंगी :-
swasthya paryavaran के लिए चित्र परिणाम
सही समय पर सही कार्य
शक्ति देता प्रकृति को 
जल संचय वृक्षारोपण
 हराभरा रखता धरती को
मिट्टी पानी जल वायु 
मुख्य अंग पर्यावरण के 
समस्त चराचर टिका हुआ है 
इनके संतुलित रूप पर
कटाव किनारों का होता 
यदि वृक्ष नदी किनारे न  होते 
मिट्टी का क्षरण होता 
नदियाँ उथली होती जातीं
 जल संचय क्षमता कम होती 
हम और यह कायनात 
जीते  है पर्यावरण में
यदि संतुलन इसका बिगड़ता 
कठिनाइयां निर्मित होती 
प्रदूषण को जन्म देतीं
अल्प आयु का निमित्त होतीं 
किरणे सूरज की 
रौशनी चन्दा मामा की
तारोंकी झिलमिलाहट 
सभी प्रभावित होते पर
 हम अनजान बने रहते 
प्रदूषित वातावरण में 
जीने की आदत सी हो गई है
 मालूम नहीं पड़ता
फिर भी प्रभाव 
जब तब दिखाई दे ही जाते 
पर्यावरण से छेड़छाड़ 
हितकारी नहीं होती
मानव ने निज स्वार्थ के लिए 
अपने अनुकूल इसे बनाना चाहा 
पर संतुलन पर डाका डाला 
यही गलती पड़ेगी भारी 
आने वाले कल में |
आशा











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