21 मई, 2016

अलंकार


अलंकार और उसके भेद के लिए चित्र परिणाम
बिना अलंकार श्रंगार अधूरा
बिना उसके साहित्य भी सूना
निखार रूप  में
तभी आता जब रूपसी
 सजी हो  अलंकारों से
भाषा तभी वजन रखती
जब अलंकारों से भरी होती
भाव भी अधूरे लगते
उनके अभाव में
साहित्य का लालित्य झलकता
अलंकृत भाषा विन्यास में
हैं ये शब्दों का गहना
भाषा न निखरती इनके बिना |
आशा

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