10 जुलाई, 2010

चेहरा

मन की परछाई है चेहरा ,
सारे भाव दर्शाता है ,
कोइ चाहे या ना चाहे ,
हर बात कह जाता है ,
मन के समस्त भावों को,
चेहरे पर जगह मिलती है ,
चाहे कोई लव ना खोले ,
भावों की छाया दिखती है ,
सुन्दर, सुगढ़ ,सजीव चेहरा ,
खिले फूल का विकल्प चेहरा ,
सुनहरी धुप सा दमकता है ,
सब के मन को भाता है |
दुःख से भरा हुआ चेहरा ,
आंसुओं से तर दीखता है ,
आंसूं यदि न भी आएं ,
दुःख उस पर उभर कर आता है ,
वह बहुत उदास दिखता है |
जो भी मन में होता है ,
बनावटी मुखौटा चहरे पर ,
अधिक समय नहीं रहता ,
कभी न कभी सारी सच्चाई ,
चेहरे पर आ ही जाती है ,
मन की बात कह जाती है |
कुछ चेहरे ऐसे भी हैं ,
जो भाव छिपाने में प्रवीण हैं ,
उन्हें समझना बहुत कठिन है ,
यदि ऐसे से पाला पड़ जाए ,
चेहरा पढ़ा नहीं जा पाए ,
जिंदगी पटरी से उतर जाती है ,
सारी शांति भंग हो जाती है |
आशा


,

11 टिप्‍पणियां:

  1. दिल की गहराई से लिखी गयी एक सुंदर रचना , बधाई

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  2. seedhee sachchee baat , n bhav kabhi chhupte hain n uske peechhe chhupe intensions , bas padhne vala chahiye.

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  3. कुछ चेहरे ऐसे भी हैं ,
    जो भाव छिपाने में प्रवीण हैं ,
    उन्हें समझना बहुत कठिन है ,
    यदि ऐसे से पाला पड़ जाए ,
    चेहरा पढ़ा नहीं जा पाए ,
    जिंदगी पटरी से उतर जाती है ,
    सारी शांति भंग हो जाती है |nice

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  4. बहुत सुन्दर रचना ! चेहरा ही तो है जो समस्त व्यक्तित्व को प्रतिबिंबित करता है ! चेहरा मन का सच्चा आइना होता है ! चेहरे के भाव रिश्तों को सहेजने और बिखरने दोनों की क्षमता रखते हैं ! भावपूर्ण रचना के लिये बधाई !

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  5. गहराई से लिखी गयी एक सुंदर रचना...

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  6. चाहे कोई कितना भी प्रवीण हो फिर भी चेहरा पढ़ लिया जाता है...भले ही थोड़ा संशय बना रहे....भाव पूर्ण अच्छी रचना

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  7. आशा माँ,
    नमस्ते!
    चेहरे पर से नकाब हटा ही दिया आपने!
    उत्कृष्ट!

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  8. Bahut Sahi

    कुछ चेहरे ऐसे भी हैं ,
    जो भाव छिपाने में प्रवीण हैं ,
    उन्हें समझना बहुत कठिन है ,
    यदि ऐसे से पाला पड़ जाए ,
    चेहरा पढ़ा नहीं जा पाए ,
    जिंदगी पटरी से उतर जाती है ,
    सारी शांति भंग हो जाती है |

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