मन की परछाई है चेहरा ,
सारे भाव दर्शाता है ,
कोइ चाहे या ना चाहे ,
हर बात कह जाता है ,
मन के समस्त भावों को,
चेहरे पर जगह मिलती है ,
चाहे कोई लव ना खोले ,
भावों की छाया दिखती है ,
सुन्दर, सुगढ़ ,सजीव चेहरा ,
खिले फूल का विकल्प चेहरा ,
सुनहरी धुप सा दमकता है ,
सब के मन को भाता है |
दुःख से भरा हुआ चेहरा ,
आंसुओं से तर दीखता है ,
आंसूं यदि न भी आएं ,
दुःख उस पर उभर कर आता है ,
वह बहुत उदास दिखता है |
जो भी मन में होता है ,
बनावटी मुखौटा चहरे पर ,
अधिक समय नहीं रहता ,
कभी न कभी सारी सच्चाई ,
चेहरे पर आ ही जाती है ,
मन की बात कह जाती है |
कुछ चेहरे ऐसे भी हैं ,
जो भाव छिपाने में प्रवीण हैं ,
उन्हें समझना बहुत कठिन है ,
यदि ऐसे से पाला पड़ जाए ,
चेहरा पढ़ा नहीं जा पाए ,
जिंदगी पटरी से उतर जाती है ,
सारी शांति भंग हो जाती है |
आशा
,
बहुत सुन्दर भाव!
जवाब देंहटाएंदिल की गहराई से लिखी गयी एक सुंदर रचना , बधाई
जवाब देंहटाएंseedhee sachchee baat , n bhav kabhi chhupte hain n uske peechhe chhupe intensions , bas padhne vala chahiye.
जवाब देंहटाएंकुछ चेहरे ऐसे भी हैं ,
जवाब देंहटाएंजो भाव छिपाने में प्रवीण हैं ,
उन्हें समझना बहुत कठिन है ,
यदि ऐसे से पाला पड़ जाए ,
चेहरा पढ़ा नहीं जा पाए ,
जिंदगी पटरी से उतर जाती है ,
सारी शांति भंग हो जाती है |nice
बहुत सुन्दर रचना ! चेहरा ही तो है जो समस्त व्यक्तित्व को प्रतिबिंबित करता है ! चेहरा मन का सच्चा आइना होता है ! चेहरे के भाव रिश्तों को सहेजने और बिखरने दोनों की क्षमता रखते हैं ! भावपूर्ण रचना के लिये बधाई !
जवाब देंहटाएंगहराई से लिखी गयी एक सुंदर रचना...
जवाब देंहटाएंचाहे कोई कितना भी प्रवीण हो फिर भी चेहरा पढ़ लिया जाता है...भले ही थोड़ा संशय बना रहे....भाव पूर्ण अच्छी रचना
जवाब देंहटाएंसच कहा आपने चेहरा मन का दर्पण है.
जवाब देंहटाएंआशा माँ,
जवाब देंहटाएंनमस्ते!
चेहरे पर से नकाब हटा ही दिया आपने!
उत्कृष्ट!
Bahut Sahi
जवाब देंहटाएंकुछ चेहरे ऐसे भी हैं ,
जो भाव छिपाने में प्रवीण हैं ,
उन्हें समझना बहुत कठिन है ,
यदि ऐसे से पाला पड़ जाए ,
चेहरा पढ़ा नहीं जा पाए ,
जिंदगी पटरी से उतर जाती है ,
सारी शांति भंग हो जाती है |
thanks for visiting the blog ,Please do come again
जवाब देंहटाएंasha