20 जुलाई, 2010

सफर जिंदगी का

जिंदगी बहुत बड़ी है ,
उसमे हताशा कैसी ,
प्यार में सफलता न मिली ,
तो निराशा कैसी ,
मन तो सम्हल ही जाएगा ,
आसान नहीं होता ,
प्यार में मिली असफलता से ,
दो चार होना ,
मन में भर जाता है ,
उदासी और खालीपन ,
तनाव भी घर बनाता है ,
चहरे पर साफ नजर आता है ,
निराशा और अवसाद,
भी पीछे नहीं रहते ,
सब ओर से जकड़ लेते हैं ,
आत्मविश्वास की कमी ,
होती कारण इन सब का ,
पर उदासी जीवन के प्रति ,
समझदारी नहीं होती ,
अनगिनत कारण होते हैं ,
जीवन जीने के ,
जिन में छुपे होते हैं ,
कई संकेत भविष्य के ,
समय के संदूक में ,
कई अनमोल खजाने हैं ,
कभी न कभी मिल ही जाएंगे ,
बीती बातों में क्या रखा है ,
प्यार कोई गुनाह नहीं होता ,
एक रिश्ता यदि टूटा भी ,
आपस में ब्रेकअप हुआ भी ,
तो क्या अन्य सभी ,
समाप्त हो जाएंगे ,
दर्द यदि मिल कर बांटें,
कई लोग साथ खड़े नजर आएँगे ,
जिंदगी में रवानी है ,
है इतनी बड़ी कि ,
विशेषण लगाना ही गलत है ,
जीवन की किताब का,
हर पृष्ठ खुला नहीं होता ,
हर ब्यक्ति हमदर्द नहीं होता ,
आत्मविश्वास यदि कम न हो ,
बीते कल से जो सबक मिले ,
उन पर ध्यान दिया जाए ,
तब कई विकल्प मिल सकते हैं ,
प्यार किसी की जागीर नहीं ,
छोड़ निराशा जब आगे बढते हैं ,
कई रास्ते निकलते हैं ,
इसे ही जिंदगी का सफर कहते हैं |
आशा

11 टिप्‍पणियां:

  1. जीवन चलने का नाम ....बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति

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  2. छोड़ निराशा जब आगे बढते हैं ,
    कई रास्ते निकलते हैं ,
    इसे ही जिंदगी का सफर कहते हैं |
    Maa ji jiwan ke anubhav ka sundar dhang se chaitran kiya hai aapne..
    Bhavpurn abhivykti ke liye aabhar

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  3. छोड़ निराशा जब आगे बढते हैं ,
    कई रास्ते निकलते हैं ,
    इसे ही जिंदगी का सफर कहते हैं |
    बहुत गहरी बात कही है आपने अपनी कविता में ! एक सकारात्मक सन्देश देती सशक्त और सार्थक रचना ! बहुत बहुत बधाई !

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  4. बहुत गहरी बात कही है, बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत सुन्दर भावपूर्ण अभिव्यक्ति

    जवाब देंहटाएं
  6. सकारात्मक संदेश देती सुन्दर रचना।

    जवाब देंहटाएं
  7. अपने नाम के अनुरूप आप 'आशा' जगा रही हैं
    बहुत सुन्दर रचना

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  8. परम आदरणीय आशा अम्मा !
    प्रणाम !
    आपका ईमेल आईडी न होने के कारण मैं आपको धन्यवाद देने , प्रणाम करने के लिए यहां आया हूं ।
    मेरे आशा से संबंधित गीत को पहला आशीर्वाद ही साक्षात् आशा ने आ'कर दिया , वह भी सर्वप्रथम , प्रातःवेला में …
    धन्य हो गया मैं !
    अवश्य ही आज का दिन मेरे लिए परम सौभाग्य का दिन है ।

    आपकी कविता भी पढ़ी है , सुंदर भाव , सुंदर कथ्य , सुंदर शिल्प !
    अर्थात् श्रेष्ठ सृजन की समस्त् आशाएं …
    पुनः प्रणाम !

    - राजेन्द्र स्वर्णकार
    शस्वरं

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  9. जिंदगी का सफर यही तो है।
    सुन्दर रचना.......

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  10. बहुत सुंदर सशक्त लेख -
    बधाई

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  11. भावों की बहुत सुन्दर अभिव्यक्तिप्प्प्प्प्प्प्प

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