जब भी कुछ लिखता है ,
उसे सुनाना चाहता है ,
कुछ प्रोत्साहन चाहता है ,
पर कोई श्रोता नहीं मिलता ,
जब तक सुना नहीं लेता ,
उसे चैन नहीं आता ,
कोई भूल से फँस जाए ,
कविता सुनना भी ना चाहे ,
बार बार उसे रोक कर,
कई बहाने खोज खोज कर ,
कविता उसे सुनाता है ,
तभी चैन पाता है ,
भूले से यदि मंच पर ,
ध्वनिविस्तारक हाथ में आजाए ,
चाहे श्रोताओं का शोर हो ,
या तालियों कि गड़गड़ाहट,
कुछ अधिक जोश में आ जाता है ,
कविता पर कविता सुनाता है ,
अपने लेखन पर मुग्ध होता ,
कविसम्मेलन कि समाप्ति पर ,
पंडाल खाली देख सोचता,
अभी भीड़ आएगी उसे बधाई देने ,
पर ऐसा कुछ नहीं होता ,
केवल एक पहलवान वहां है ,
उससे प्रश्न करता है ,
कैसा लगा कविसम्मेलन ,
और मेरा कविता पाठ ,
वह तो जैसा था सो था ,
मैं उसे ढूँढ रहा हं ,
जिसने तुम्हें बुलाया था ,
वह आज भी आशान्वित है ,
कहीं से तो बुलावा आएगा ,
कोई उसे सराहेगा |
आशा
बहुत अच्छी प्रस्तुति। राजभाषा हिन्दी के प्रचार-प्रसार में आपका योगदान सराहनीय है।
जवाब देंहटाएंमशीन अनुवाद का विस्तार!, “राजभाषा हिन्दी” पर रेखा श्रीवास्तव की प्रस्तुति, पधारें
हा हा हा ! बहुत बढ़िया ! वैसे रचना तो पुरानी है लेकिन कलेवर नया है इसलिए मज़ा आया!
जवाब देंहटाएंपहले तो मैं आपका तहे दिल से शुक्रियादा करना चाहती हूँ मेरे ब्लॉग पर आने के लिए और टिपण्णी देने के लिए!
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर रचना लिखा है आपने जो काबिले तारीफ़ है! बधाई!
हा हा ....बढ़िया है ..
जवाब देंहटाएंउससे प्रश्न करता है ,
जवाब देंहटाएंकैसा लगा कविसम्मेलन ,
और मेरा कविता पाठ ,
वह तो जैसा था सो था ,
मैं उसे ढूँढ रहा हं ,
जिसने तुम्हें बुलाया था ,
वह आज भी आशान्वित है ,
कहीं से तो बुलावा आएगा ,
कोई उसे सराहेगा |
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बहुत सुन्दर रचना!
सोचने को विवश करती हुई!
हा.हा.हा.बिचारा कवी.
जवाब देंहटाएंविचारोत्तेजक!
जवाब देंहटाएंbhn ji aese kvi aek nhin anek hen or in logon me se hi bhtrin kvi moqa milne pr sabit bhi hue hen. khtar khan akela kota rajthan
जवाब देंहटाएंजो कुछ आपने कवियों के बारे में लिखा है वह इन दिनों ब्लागरों के साथ भी हो रहा है
जवाब देंहटाएंआत्ममुग्धता के शिकार हो गए हैं भाई लोग
मजेदार रहा...
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी प्रस्तुति। राजभाषा हिन्दी के प्रचार-प्रसार में आपका योगदान सराहनीय है।
जवाब देंहटाएंसाहित्यकार-महाकवि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला, राजभाषा हिन्दी पर मनोज कुमार की प्रस्तुति, पधारें
बहुत सुन्दर :)
जवाब देंहटाएंसोचने को विवश करती हुई!
जवाब देंहटाएं......सुन्दर रचना!