26 नवंबर, 2010

जन्म लिया था साथ-साथ

जन्म लिया था साथ-साथ
खेले कूदे बड़े हुए
वय वृद्धि के साथ-साथ
राम राम न रहा
रहीम रहीम न हुआ
ऐसा ज़हर मज़हब का फैला
दोनों डूबे मज़हब में
दिलों में दूरी ऐसी हुई
दोस्ती में दरार पड़ गयी
नफरत के बीज ऐसे पनपे
जमीन में भी दरार पड़ गयी
दिलों के बीच की खाई
गहरी इतनी हो गयी
दो देशों के बीच
सीमा रेखा तक खिंच गयी
नफरत की नींव इतनी गहरी थी
हुआ बँटवारा दो मुल्कों में
खाई और गहरी हुई
अब उसे पाटना मुश्किल है
हो चाहे जितनी कोशिश
कोई कितने भी जतन करे
गहराई खाई की बढ़ती जाती है
हर ओर जहर के बढ़ते कदम
कोई रोक नहीं पाता
जब तक सुलह नहीं होती
आतंक का खौफ न जा पाता
हर बार नई कहानी होती है
भयाक्रांत जनता होती है
जब भी बीज से पेड़ उगेगा
कड़वाहट से भरा होगा
काँटों की कमी नहीं होगी
दिलों में नफरत और बढ़ेगी
यदि हो विकसित सहनशीलता
हृदय होगा परिवर्तित
एकता फिर से जन्म लेगी
राम रहीम को एक करेगी |


आशा

11 टिप्‍पणियां:

  1. "....यदि हो विकसित सहनशीलता ,
    ह्रदय होगा परिवर्तित ,
    एकता फिरसे जन्म लेगी ,
    राम रहीम को एक करेगी |...."

    बहुत ही अच्छा सन्देश देती कविता.

    सादर

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  2. एकता फिरसे जन्म लेगी ,
    राम रहीम को एक करेगी
    बहुत सुन्दर है यह सन्देश ...

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  3. कौमी-एकता का सन्देश देती हुई आशा का संचार करती उत्तम रचना!

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  4. यदि हो विकसित सहनशीलता ,
    ह्रदय होगा परिवर्तित ,
    एकता फिरसे जन्म लेगी ,
    राम रहीम को एक करेगी|

    सुंदर संदेश देती, खूबसूरत प्रस्तुति के लिए आभार.
    सादर,
    डोरोथी.

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  5. आपसी भाईचारे, प्रेम और सद्भाव का सन्देश प्रचारित करती बहुत सार्थक रचना ! लेकिन यह भी सच है कि दिलों से सहनशीलता ऐसी नदारद हो गयी है कि आज ज़रा ज़रा सी बात पर दंगे भड़क उठते हैं और प्रेम और सद्भावना का शीशे का महल ज़रा सी चोट से भरभरा कर चकनाचूर हो जाता है ! बढ़िया पोस्ट के लिये बधाई एवं शुभकामनाएं !

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  6. ह्रदय होगा परिवर्तित ,
    एकता फिरसे जन्म लेगी ,
    राम रहीम को एक करेगी |

    aisa kuchh ho paye...to hamari , hamare desh ki tarakki nischit hai...:)

    bahut achhhi rachna..

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  7. वाह .. कितने गहरी बात कही है आपने रचना के माध्यम से ... उम्दा प्रस्तुति ..

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  8. ऐसी कवितायें रोज रोज पढने को नहीं मिलती...इतनी भावपूर्ण कवितायें लिखने के लिए आप को बधाई...शब्द शब्द दिल में उतर गयी.

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  9. एकता फिरसे जन्म लेगी ,
    राम रहीम को एक करेगी |

    बहुत ही सुन्दर पंक्ति

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