16 दिसंबर, 2010

सुरमई आँखों की स्याही

सुरमई आँखों की स्याही
फीकी पड़ गयी है
गालों पर लकीर आँसुओं की
बहुत कुछ कह रहीं हैं
ना तो है धन की कमी
ना ही कमजोर हो तुम
फिर भी घिरी हुई
कितनी समस्याओं से
क्यूँ जूझ नहीं पातीं उनसे
है ऐसा क्या जो सह रही हो
बिना बात हँसना रोना
एकाएक गुमसुम हो जाना
है कोई बात अवश्य
जिसे कह नहीं पातीं
और घुटन सहती गईं
जब सब्र का बाँध टूट गया
आँखों से बहती अश्रु धारा
तुम कहो या न कहो
कई राज खोल गई
वह समय अब बीत गया
गलत बात भी सह लेतीं थीं
प्रतिकार कभी ना करती थीं
अब तुम इतनी सक्षम हो
आगे अपने कदम बढ़ाओ
सच कहने की हिम्मत जुटाओ
उठो, जागो, अन्याय का सामना करो
आत्मविश्वास क़ी मशाल जला
पुरज़ोर प्रतिकार उसका करो
तभी तुम कुछ कर पाओगी
अपनी पहचान बना पाओगी |


आशा

21 टिप्‍पणियां:

  1. खूबसूरत रचना ...नारी में आत्मविश्वास भरने कि प्रेरणा देती हुई

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  2. आपकी पोस्ट की चर्चा कल (18-12-2010 ) शनिवार के चर्चा मंच पर भी है ...अपनी प्रतिक्रिया और सुझाव दे कर मार्गदर्शन करें ...आभार .

    http://charchamanch.uchcharan.com/

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  3. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

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  4. नारी में आत्मविश्वास की प्रेरणा देती हुई रचना, आभार ......

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  5. आदरणीया आशा जी सादर अभिवादन|

    जब सब्र का बाँध टूट गया ,
    आँखों से बहती अश्रु धारा ,
    तुम कहो या न कहो ,
    कई राज खोल गई,

    पुन: पुन: अभिनंदन इस सशक्त अभिव्यक्ति के लिए|

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  6. आपकी यह सशक्त और सुन्दर रचना
    आज के चर्चा मंच पर सुशोभित की गई है!
    http://charchamanch.uchcharan.com/2010/12/375.html

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  7. Ek bahut hi sashakt rachna. Bhartiya nari ne sadaiv swayam ko isi tarah duvidhagrast paya hai ki use sirf anyay ko sahana hai aur apna dard chupchap pite rahna hai ! Unko jagati hui is samvedana se bharpoor kavita ke liye apko badhai.

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  8. बेहद सशक्त प्रस्तुति……………आशा का संचार करती है।

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  9. प्रेरक - सार्थक - अच्छी पोस्ट , शुभकामनाएं । पढ़िए "खबरों की दुनियाँ"

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  10. उठो,जागो ,अन्याय का सामना करो,
    आत्मविश्वास क़ी मशाल जला ,
    पुरजोर प्रतिकार उसका करो ,
    तभी तुम कुछ कर पाओगी ,
    अपनी पहचान बना पाओगी ।

    प्रेरणा और उत्साह का संचरण करने वाली कविता..
    ...बहुत सुंदर कविता।

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  11. नारी में आत्मविश्वास भरने कि प्रेरणा देती हुई खूबसूरत रचना|

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  12. A- Almighty God whisperse, the wishes for you.
    K- Kites as fly whole night, and poured the dew.
    A- Ally with destiny, the brave lady creates,
    N- Nature is creature, as mother (YOU) bless,
    K- Knock of desire, or the verse for admire,
    S- Soundless sun says, be with my fire,
    H- Hum for few words, as fondle of Jesus,
    A- A hue for you, and merry Christmas...

    A- A hope, a new world for wealth,
    S- Struggle as snuggle with fate.
    H- Honour and Pranaam, blow to you, DEVESH,
    A- And I hope, you will bless, and i will grace..
    Pranam... I am a creater too when i see your poem, then i had to say some lines... i hope you will be try for a once to come at my blog,
    dewdevesh.blogspot.com (DWELLING DEW)

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  13. क्रिसमस की शांति उल्लास और मेलप्रेम के
    आशीषमय उजास से
    आलोकित हो जीवन की हर दिशा
    क्रिसमस के आनंद से सुवासित हो
    जीवन का हर पथ.

    आपको सपरिवार क्रिसमस की ढेरों शुभ कामनाएं

    सादर
    डोरोथी

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  14. आपलोगों को क्रिसमस की शुभ कामनाएं
    आशा

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