02 अप्रैल, 2011

जो आहुति दी


बाट जोहते थक गए नयना
टकटकी लगा देखते रहना
अश्रु धारा थमने का
नाम नहीं लेती |
शायद कोई पाती आ जाती
वह बैठी राह देखती
प्रियतम के इन्तजार में
वे आये भी पर इस रूप में |
आँखे पथरा गईं
हृदय खंड खंड हो गया
मरणोपरांत मिले मेडिल का
सम्मान ही शेष रह गया |
देश हित की कुर्बानी को
जग जाहिर कर
आँसू बहाना
अपमान है बलिदान का |
जो आहुति दी देश के लिए
मन श्रद्धा से भर उठता है
आँखे नम होने लगी
एक मुठ्ठी मिट्टी दी
जब उसे बिदाई में |
सन्देश वह जो दे गया
नौनिहालों के लिए
उस राह पर वे चलेंगे
देश हित में आत्मोत्सर्ग करेंगे |


आशा




16 टिप्‍पणियां:

  1. बलिदान को नमन करती खूबसूरत रचना -
    बधाई

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  2. एक शहीद के जीवन के उत्साह और उसके जीवन के मंतव्य को बहुत सुंदर शब्दों के माध्यम से आपने उकेरा है ..आपका आभार

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  3. देश के लिए प्राण न्योछावर करने वालों शहीदों को समर्पित यह रचना मन को छू गई।
    बलिदानियों को शत-शत नमन।
    (बात-बाट)

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  4. देश पर मर मिटने वाले वीरों को नमन!
    मन को झकझोरती कविता!

    सादर

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  5. इस भावमय करती शब्‍द रचना के लिये ...आभार ।

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  6. सन्देश वह जो दे गया
    नौनोंनिहालों के लिए
    उस राह पर वे चलेंगे
    देश हित में आत्मोत्सर्ग करेंगे |...

    देश भक्ति की सुंदर रचना।

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  7. देश भक्ति के जज्बे को जगाती एवं वीर शहीदों के बलिदान को गौरवान्वित करती बहुत ही मर्मस्पर्शी रचना ! हम उनके इस बलिदान का सम्मान कर सकें और अपने देश के लिये कुछ करने की भावना मन में जिलाए रखें यही उनके लिये हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी ! इतनी सुन्दर रचना के लिये हार्दिक बधाई !

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  8. देश के वीर शहीदों को नमन । आपकी कविता से आँख भर आई ।

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  9. नमन इन शहीदों को जो खुद मिट कर देश को बचाते हैं !

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  10. देश के वीर शहीदों को नमन ।
    भावमय रचना के लिये आभार ।

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  11. बलिदानियों के प्रति खूबसूरत काव्यांजलि दी है ...नमन

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  12. बहुत सटीक, सशक्त और सार्थक रचना!
    --
    टीम इण्डिया ने 28 साल बाद क्रिकेट विश्व कप जीतनें का सपना साकार किया है।
    एक प्रबुद्ध पाठक के नाते आपको, समस्त भारतवासियों और भारतीय क्रिकेट टीम को बहुत-बहुत शुभकामनाएँ प्रेषित करता हूँ।

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  13. मन द्रवित हो गया , इतनी भावपूर्ण मर्म शपर्सी रचना पढ़कर .....
    यही तो सार्थक रचना है जिसे लिखकर लेखनी धन्य हो जाती है |

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  14. आदरणीय आशा माँ
    नमस्कार !
    बहुत सटीक, सशक्त और सार्थक रचना!

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