जब भी देखा तुम्हें
तुम अनदेखी कर चली गईं
कई बार यत्न किये मिलने के
वे भी सम्भव ना हो पाए
चूंकि हैसियत कमतर थी
पैगाम शादी का भी स्वीकार ना हुआ |
एक अवसर ऐसा भी आया
निगाहें चार तुमसे हुईं
नयनों की भाषा ना समझा
तुम क्या चाहती थीं
जान नहीं पाया |
घर में लोगों का आना जाना
और शादी की गहमागहमीं
मैं भी व्यस्त होने लगा
सभी से मिलने जुलने लगा
चाहे बेमन से ही सही |
हाथों में चूडियों की खनक
हिना से हथेलियाँ लाल
जब नजरें तुमनें उठा
सजल नयनों से मुझे देख
जल्दी से आंसू पोंछ लिये
झुका लिया निगाहों को |
डोली में बैठ जानें की तैयारी देख
सुन दिल की आवाज
मिलने को कदम बढाए भी
पर समाज का ख्याल आते ही
इस विचार को झटक दिया
उसे मन में ही दफन किया |
देखी तुम्हारी विदाई
गहन उदासी में डूबा
वह भी इतनी गहराई
चेहरे तक से झलकने लगी
लोगों ने कुछ भांप लिया
फुसफुसाहट चर्चा में बदली
तुम तो चली गईं लेकिन
हम तो बिना प्यार किये ही
बदनाम हो गए |
आशा
ओह ! बहुत दर्दभरी रचना ! ना जाने कितनों की अनकही कहानी सुना गयी ! थोड़ा साहस पहले ही कर लेते तो यह दिन तो ना देखना पड़ता ! सुन्दर रचना बधाई एवं शुभकामनायें !
जवाब देंहटाएंदेखी तुम्हारी विदाई
जवाब देंहटाएंगहन उदासी में डूबा
वह भी इतनी गहराई
चेहरे तक से झलकने लगी
लोगों ने कुछ भांप लिया
फुसफुसाहट चर्चा में बदली
तुम तो चली गईं लेकिन
हम तो बिना प्यार किये ही
बदनाम हो गए |
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बहुत ही मार्मिक अभिव्यक्ति प्रस्तुत की है आपने!
मार्मिक रचना।
जवाब देंहटाएंबदनामी और प्यार का तो चोली दामन का साथ है, फिर वो प्यार कैसा कैसा भी हो..
जवाब देंहटाएंmarmik chitran bhavnao ka.......
जवाब देंहटाएंफुसफुसाहट चर्चा में बदली
जवाब देंहटाएंतुम तो चली गईं लेकिन
हम तो बिना प्यार किये ही
बदनाम हो गए |
badnami yun hi hoti hai... aur badnaam awaak
इस बदनामी पर कौन न निसार हो जाए।
जवाब देंहटाएं............
ब्लॉगिंग को प्रोत्साहन चाहिए?
एच.आई.वी. और एंटीबायोटिक में कौन अधिक खतरनाक?
बहुत पुराना मामला मालूम पड़ता है। अब कहां कोई इतनी चर्चा या फिक्र करता है!
जवाब देंहटाएंआदरणीया आशा अम्मा
जवाब देंहटाएंसादर प्रणाम !
आप भी किस किस की व्यथा लिये हुए हैं …
सबको ख़ुश देखने की इच्छा रहती है न …
भावपूर्ण रचना !
* श्रीरामनवमी की शुभकामनाएं ! *
- राजेन्द्र स्वर्णकार
आदरणीय आशा दी ,
जवाब देंहटाएंबहुत मार्मिक अभिव्यक्ति की है आपने ,मन को बोझिल करने वाली ..
सादर !
आदरणीय आशा माँ
जवाब देंहटाएंनमस्कार !
तुम तो चली गईं लेकिन
हम तो बिना प्यार किये ही
बदनाम हो गए |
......बहुत ही मार्मिक अभिव्यक्ति प्रस्तुत की है आपने!