यह दूरी यह अलगाव
और बेगानापन
रास नहीं आता
कड़वाहट बढते ही
मन उद्वेलित हो जाता |
आस्था का दामन
दाग दार होता
तार तार हो छूटता नजर आता
ज्वार भावनाओं का
थमता नज़र नहीं आता |
यह रूखापन इतनी बेध्यानी
कठोरता चहरे पर
मन छलनी कर जाता
कटु वचन और मन मानी
गहरा घाव कहीं दे जाती |
पूर्णरूपेण विश्वास किया
क्या गलत किया
विचार जब भी मन में आता
इष्ट पहुँच से
बहुत दूर नजर आता |
क्या किसी और ने विलमां लिया
भटका दिया
उससे बाँट कर जीने में
कोई सार नजर नहीं आता |
रात और गहरा जाती है
पलकें बंद होते ही
वही भोला बेदाग़ चेहरा
नजर आता है
पर जब वह कहीं लुप्त हो जाता है
एक ही विचार मन में आता है
वह अपना नहीं रहा
बेगाना हो गया है |
आशा
और बेगानापन
रास नहीं आता
कड़वाहट बढते ही
मन उद्वेलित हो जाता |
आस्था का दामन
दाग दार होता
तार तार हो छूटता नजर आता
ज्वार भावनाओं का
थमता नज़र नहीं आता |
यह रूखापन इतनी बेध्यानी
कठोरता चहरे पर
मन छलनी कर जाता
कटु वचन और मन मानी
गहरा घाव कहीं दे जाती |
पूर्णरूपेण विश्वास किया
क्या गलत किया
विचार जब भी मन में आता
इष्ट पहुँच से
बहुत दूर नजर आता |
क्या किसी और ने विलमां लिया
भटका दिया
उससे बाँट कर जीने में
कोई सार नजर नहीं आता |
रात और गहरा जाती है
पलकें बंद होते ही
वही भोला बेदाग़ चेहरा
नजर आता है
पर जब वह कहीं लुप्त हो जाता है
एक ही विचार मन में आता है
वह अपना नहीं रहा
बेगाना हो गया है |
आशा
MAM MAN KI PIDA PARDARSIT KARTI EK GAHAN RACHNA. . . . . . . . . . . . . . . JAI HIND JAI BHARAT
जवाब देंहटाएंक्या किसी और ने विलमां लिया
जवाब देंहटाएंभटका दिया
उससे बाँट कर जीने में
कोई सार नज़र नहीं आता |
...............................भावपूर्ण ,सुन्दर रचना
पर जब वह कहीं लुप्त हो जाता है
जवाब देंहटाएंएक ही विचार मन में आता है
वह अपना नहीं रहा
बेगाना हो गया है |
यही तो जिंदगी ..... जब खो जाती है तो याद आती है
मोहसिन रिक्शावाला
आज कल व्यस्त हू -- I'm so busy now a days-रिमझिम
बहुत अच्छा लगा इसे पढकर।
जवाब देंहटाएंबहुत खूबसूरत रचना ............शुभकामनाएं.....
जवाब देंहटाएंपलकें बंद होते ही
जवाब देंहटाएंवही भोला बेदाग़ चेहरा
नजर आता है
पर जब वह कहीं लुप्त हो जाता है
एक ही विचार मन में आता है
वह अपना नहीं रहा
बेगाना हो गया है |....
बहुत मार्मिक प्रस्तुति..अंतस को गहराई तक छू जाती है..बहुत सुन्दर
बहुत सुन्दर रचना ! किसीके खो जाने का अहसास कितना पीड़ादायी होता है यह विचार ही उद्वेलित कर जाता है ! मर्मस्पर्शी अभिव्यक्ति ! बधाई एवं शुभकामनायें !
जवाब देंहटाएंश्रीमान जी, क्या आप हिंदी से प्रेम करते हैं? तब एक बार जरुर आये. मैंने अपने अनुभवों के आधार ""आज सभी हिंदी ब्लॉगर भाई यह शपथ लें"" हिंदी लिपि पर एक पोस्ट लिखी है. मुझे उम्मीद आप अपने सभी दोस्तों के साथ मेरे ब्लॉग www.rksirfiraa.blogspot.com पर टिप्पणी करने एक बार जरुर आयेंगे. ऐसा मेरा विश्वास है.
जवाब देंहटाएंश्रीमान जी, हिंदी के प्रचार-प्रसार हेतु सुझाव :-आप भी अपने ब्लोगों पर "अपने ब्लॉग में हिंदी में लिखने वाला विजेट" लगाए. मैंने भी कल ही लगाये है. इससे हिंदी प्रेमियों को सुविधा और लाभ होगा.
बहुत खूबसूरत रचना
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी लगी आपकी यह कविता.
जवाब देंहटाएंपर जब वह कहीं लुप्त हो जाता है
जवाब देंहटाएंएक ही विचार मन में आता है
वह अपना नहीं रहा
बेगाना हो गया है |
खूबसूरत पंक्तियां...
संवेदनशील रचना
जवाब देंहटाएंउदास मन की संवेदनशील अभिव्यक्ति ....!!
जवाब देंहटाएंकोमल एहसास ....!!