चाहे जहां जाते हो
इधर उधर भटकते हो
जब स्थाईत्व नहीं होगा
सुकून कहाँ से पाओगे |
जिंदगी क्षण भंगुर है
उसका कोई ठिकाना नहीं
बिना प्रेम अधूरी है
यह कैसे समझ पाओगे |
मेरे पास आओ कुछ पल ठहरो
दो बोल प्यार के बोलो
मन में छिपी भावना को
पूर्ण रूप से स्वीकार करो |
मन का बोझ हल्का होगा
फिर भी मन यदि ना माने
और बेचैनी बढ़ जाए
चाहे जहां चले जाना |
पुरानी कटु बातों को
दोहराने से क्या लाभ
जब उन पर ध्यान नहीं दोगे
वे विस्मृत होती जाएँगी |
मीठी यादों में जब खो जाओगे
शान्ति का अनुभव करोगे
संसार बहुत सुंदर लगेगा
पराया भी अपना लगेगा |
प्रेम ही तो जीवन है
जब शांत चित्त से सोचोगे
स्थिर मन हो जाओगे
फिर इसे ना भूल पाओगे |
जिंदगी आनंद से भरपूर होगी
पूर्ण प्रेम की अनुभूति होगी
एक नई कहानी बनेगी |
आशा
sunder abhivyakti ..
जवाब देंहटाएंLove is life.... beautiful message.
जवाब देंहटाएंआदरणीय आशा माँ
जवाब देंहटाएंनमस्कार
.................दिल को छू लेने वाली प्रस्तुती
मन की कलुषता को भूलकर प्रेम के आगोश में आओ, फिर सब कुछ अच्छा लगने लगेगा ।
जवाब देंहटाएंसुन्दर सन्देशपूर्ण अभिव्यक्ति...
bahut achche bhaav chupe hain is rachna me.very nice.
जवाब देंहटाएंबहुत उम्दा प्रस्तुति!
जवाब देंहटाएंप्रेम ही तो जीवन है
जवाब देंहटाएंजब शांत चित्त से सोचोगे
स्थिर मन हो जाओगे
फिर इसे ना भूल पाओगे |
सुन्दर, सकारात्मक एवं सार्थक संदेश देती बहुत सशक्त रचना ! बहुत बढ़िया लिखा है ! बधाई एवं शुभकामनायें !
जब शांत चित्त से सोचोगे
जवाब देंहटाएंस्थिर मन हो जाओगे
फिर इसे ना भूल पाओगे |
जिंदगी आनंद से भरपूर होगी
पूर्ण प्रेम की अनुभूति होगी
एक नई कहानी बनेगी |
सार्थक सन्देश देती अच्छी रचना
"एक नई कहानी बनेगी |
जवाब देंहटाएंआशा "
इस आशावादी काव्य लेखन हेतु आपको बहुत-बहुत बधाई
BHAVPURN RACHNA, JO DIL KO CHU GAYI..
जवाब देंहटाएंJAI HIND JAI BHARAT