21 अगस्त, 2011

कान्हा


द्वापर में भादों के महीने में

काली अंधेरी रात में

जन्म लिया कान्हा ने

मथुरा में कारागार के कक्ष में |

था दिवस चमत्कारी

सारे बंधन टूट गए

द्वार के ताले स्वतः खुले

जाने का मार्ग प्रशस्त हुआ |

बेटे को बचाने के लिए
गोकुल जाने के लिए

वासुदेव ने जैसे ही

जल में पैर धरा

जमुना की श्रद्धा ऐसी जागी

बाढ आ गई नदिया में |

बाहर पैर आते ही

कान्हा के पैरों को पखारा

जैसें ही छू पाया उन्हें

अद्भुद शान्ति छाई जल में |

सारा गोकुल धन्य हो गया

कान्हा को पा बाहों में

गोपिया खो गईं

मुरली की मधुर धुन में |

बंधीं प्रेम पाश में उसके

रम कर रह गईं उसी में

ज्ञान उद्धव का धरा रह गया

उन को समझाने में |

वे नहीं जानती थीं उद्देश्य

कृष्ण के जाने का

कंस के अत्याचारों से

सब को बचाने का |

अंत कंस का हुआ

सुखी समृद्ध राज्य हुआ

कौरव पांडव विवाद मैं

मध्यस्थ बने सहायता की |

सच्चाई का साथ दिया

युद्ध से विचलित अर्जुन को

गीता का उपदेश दिया

आज भी है महत्त्व जिसका |

जन्म दिन कान्हा का

हर साल मनाते हैं

श्रद्धा से भर उठाते हैं

जन्माष्टमी मनाते हैं |

आशा

6 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुन्दर ! गोविंदा आला रे !

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  2. आह! आनंद आ गया आशा जी.
    सुन्दर प्रस्तुति के लिए आभार.
    जन्माष्टमी के पावन पर्व पर हार्दिक शुभकामनाएँ

    मेरे ब्लॉग पर आईयेगा.
    भक्ति व शिवलिंग पर अपने सुविचार प्रकट कीजियेगा.

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  3. आज कुशल कूटनीतिज्ञ योगेश्वर श्री किसन जी का जन्मदिवस जन्माष्टमी है, किसन जी ने धर्म का साथ देकर कौरवों के कुशासन का अंत किया था। इतिहास गवाह है कि जब-जब कुशासन के प्रजा त्राहि त्राहि करती है तब कोई एक नेतृत्व उभरता है और अत्याचार से मुक्ति दिलाता है। आज इतिहास अपने को फ़िर दोहरा रहा है। एक और किसन (बाबु राव हजारे) भ्रष्ट्राचार के खात्मे के लिए कौरवों के विरुद्ध उठ खड़ा हुआ है। आम आदमी लोकपाल को नहीं जानता पर, भ्रष्ट्राचार शब्द से अच्छी तरह परिचित है, उसे भ्रष्ट्राचार से मुक्ति चाहिए।

    आपको जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं एवं हार्दिक बधाई।

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  4. जन्माष्टमी के पावन पर्व पर हार्दिक शुभकामनाएँ...

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