रात अंधेरी गहराता तम
सांय सांय करती हवा
सन्नाटे में सुनाई देती
भूले भटके आवाज़ कोइ
अंधकार में उभरती
निंद्रारत लोगों में कुछ को
चोंकाती विचलित कर जाती
तभी हुआ एक दीप प्रज्वलित
तम सारा हरने को
मन में दबी आग को
हवा देने को
लिए आस हृदय में
रहा व्यस्त परोपकार में
जानता है जीवन क्षणभंगुर
पर सोचता रहता अनवरत
जब सुबह होगी
आवश्यकता उसकी न होगी
यदि कार्य अधूरा छूटा भी
एक नया दीप जन्म लेगा
प्रज्वलित होगा
शेष कार्य पूर्ण करेगा
सुखद भविष्य की
कल्पना में खोया
आधी रात बाद सोया
एकाएक लौ तीव्र हुई
कम्पित हुई
इह लीला समाप्त हो गयी
परम ज्योति में विलीन हो गयी |
आशा
सुन्दर सृजन, सुन्दर भावाभिव्यक्ति.
जवाब देंहटाएंबढ़िया प्रस्तुति |
जवाब देंहटाएंनव वर्ष मंगलमय हो ||
आपको भी नव वर्ष पर हार्दिक शुभकामनाएं |
हटाएंआशा
bahut sundar bhavabhivyakti.badhai.हे!माँ मेरे जिले के नेता को सी .एम् .बना दो.
जवाब देंहटाएंगहन भाव...
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति...
सादर.
बहुत खुबसूरत रचना अभिवयक्ति.....
जवाब देंहटाएंपरोपकार का शुभ भाव लिए ....
जवाब देंहटाएंसुंदर अभिव्यक्ति ...!!
मंगलकामनाएं ...!!
आशा का दीपक यूँ ही जलता रहे और जीवन के अन्धकार को हरता रहे ...आभार
जवाब देंहटाएंनव संवत्सर एवं 'गुडीपडवा' की हार्दिक शुभकामनाएं ! यह दिव्य अलौकिक तमहरता दीपक सबके जीवन को आलोकित करे और सबका जीवन सुखमय हो यही मंगलकामना है ! बधाई सुन्दर सृजन के लिए !
जवाब देंहटाएंसुंदर चिंतन/रचना...
जवाब देंहटाएंसादर।
बहुत अच्छी प्रस्तुति!
जवाब देंहटाएंइस प्रविष्टी की चर्चा कल शनिवार के चर्चा मंच पर भी होगी!
सूचनार्थ!
आपको नव सम्वत्सर-2069 की हार्दिक शुभकामनाएँ!
आपको भी हार्दिक शुभ कामनाएं |
हटाएंbahut sunder rachna......
जवाब देंहटाएंनव संवत्सर का आरंभन सुख शांति समृद्धि का वाहक बने हार्दिक अभिनन्दन नव वर्ष की मंगल शुभकामनायें/ सुन्दर प्रेरक भाव में रचना बधाईयाँ जी /
जवाब देंहटाएंआपको भी नव वर्ष पर हार्दिक शुभ कामनाएं |
हटाएंआशा
सुन्दर- मनभावन रचना.
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंकल 30/03/2012 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
जवाब देंहटाएंधन्यवाद!
बहुतस उस्न्दर रचना सादर!
जवाब देंहटाएंसती को कहती अच्छी प्रस्तुति
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