रसना रस में पगी 
शब्दों में मिठास घुली 
आल्हादित मन कर गयी 
सुफल सकारथ कर गयी 
पर अति मिठास से 
कानों में जब मिश्री घुली 
पीछे  से कोई वार न कर जाए 
अति मिठास कडवी लगी 
दरारें दिल में दिखीं 
तभी जान पाए 
महिमा अति की |
सच ही कहा था किसी ने
"अति सर्वत्र वर्ज्यते"
पर तब केवल पढ़ा था
आज उसे देख पाए |
सच ही कहा था किसी ने
"अति सर्वत्र वर्ज्यते"
पर तब केवल पढ़ा था
आज उसे देख पाए |
आशा 

bilkul shi aankalan kiya hae .
जवाब देंहटाएंsatya bachan
जवाब देंहटाएंअति मिठास कडवी लगी
जवाब देंहटाएंदरारें दिल में दिखीं......bilkul 'ati sarvatr varjyet'.
अति मिठास कडवी हि लगती है......
जवाब देंहटाएंबहूत हि बेहतरीन रचना .....
oh.....sahi ---sabdhan ho jana chahiye
जवाब देंहटाएं'मुँह में राम बगल में छुरी' इसे ही कहते हैं ! सच बयान करती सुन्दर प्रस्तुति !
जवाब देंहटाएंसच ही कहा था किसी ने "अति सर्वत्र वर्ज्यते"
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी प्रस्तुति,....
RECENT POST....काव्यान्जलि ...: कभी कभी.....
अधिक मीठा बाद में हानिकारक ही सिद्ध होता है !
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