10 जून, 2012

प्रेम और प्यार

है जाने क्या विभेद 
प्यार और प्रेम में 
हैं पर्याय एक दूसरे के 
या अर्थ भिन्न उनके 
इहिलौकिक या पारलौकिक 
आत्मिक या भौतिक
 या ऐसी भावनाएं
जो भ्रम में डुबोए रखें
ये हैं  पत्थर पर पड़ी लकीरें
जो  मिटना नहीं चाहतीं 
और मिट भी नहीं सकतीं 
चाहे जो परिवर्तन आए
या   बदलाव नहीं आए
अनेक विचार कई तर्क 
संबद्ध हुए इनसे 
यदि गहन चिंतन करें 
भावनाएं प्रवल  दिखाई देतीं 
बढते दुःख की पराकाष्ठा
जब भी मन को छू जाती 
अन्धकार में
जलते  दिए की एक किरण
दिखाई तब भी दे जाती
उसी ओर मैं खिंचता   जाता
इसे ही सुखद  संकेत मान
प्यार लिए उसका ह्रदय में
 आगे को   बढता जाता 
शायद यही प्रेम है
 या प्यार मेरा उसके  लिए
मैं उसे प्यार करता हूँ
क्यूँ कि  है वह  देश मेरा |

20 टिप्‍पणियां:

  1. मैं उसे प्यार करता हूँ
    क्यूँ कि है वह देश मेरा |

    बहुत खूब आंटी!

    सादर

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  2. अक्सर शब्द पर्यायवाची होते हुए भी प्रयोग के रूप में भिन्नता रखते हैं .... बहुत सुन्दर प्रस्तुति

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  3. नमस्कार,
    प्यार वह अनुराग है जो शिशु के साथ हो तो वात्सल्य, बच्चों के साथ हो तो स्नेह, किशोरावस्था में हो तो प्रेम, आपस में अभिवादन, गुरु और परमेश्वर के साथ वही भक्ति कहलाता है. अब इसका प्रयोग और अनुप्रयोग से इसके अर्थ भी प्रभावित होने लगते हैं, भाव भी बदलने लगता है. बहुत कुछ काल और परिस्थियों पर निर्भर करता है. कभी-कभी तो यह इतना प्रबल हो उठता है कि नियमों के सरे बंधन टूट जाते हैं. लेकिन प्रेम है एक दिव्य एहसास, एक अलौकिक अनुपम अनुभूति जिससे सभी बंधे हैं. समज बंधा है, देश बंधा है यहाँ तक की भगवान भी बंधा है. अकेला ईश्वर भी प्रेम के कारण द्विधा पुरुष और नारी के रूप में बाँट गया .बधाई इस अनोखी चर्चा के लिए.

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  4. उज्जवल भाव ...सुंदर रचना ...शुभकामनायें..!!

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  5. बहुत ही अच्छी बात कही है आपने.
    बहुत सुन्दर रचना...

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  6. गहन अन्धकार के बाद ही उजाला हैं ....

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  7. बड़ी ही गहन एवं चिंतनपरक प्रस्तुति ! हर शब्द सोचने के लिए प्रेरित करता है ! इस सुन्दर अभिव्यक्ति के लिए बधाई एवं अभिनन्दन !

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  8. क्या बात है!!
    आपके इस सुन्दर प्रविष्टि का लिंक दिनांक 11-06-2012 को सोमवारीय चर्चामंच पर भी होगा। सादर सूचनार्थ

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  9. गहन चिन्तन के साथ बहुत सुन्दर भाव सुन्दर अभिव्यक्ति..

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  10. bahut hi khoobsurat kawita hai .... mujhe to bahut hi achhi lagi....

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  11. बहुत सुन्दर व गहन अभिव्यक्ति

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  12. वाह! खूबसूरत व्याख्या...
    सादर।

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