बोलो किससे सीख लिया
जो सोचा हंस कर जता दिया
मन मोह लिया सबका तुमने |
इस भोली भाली सूरत में
कितने राज छुपाए हैं
मन मोहनी मुस्कान से
अपने भाव जताए हैं|
हो तुम इतनी प्यारी सी
सफेद मॉम की गुडिया सी
नयनों के भाव जताए हैं
है क्या तुम्हारे मन में ?
भाषा नहीं भाव प्रवल हैं
तुम्हारे मधुर स्पर्श में
|मन मेरा गदगद होता
पा कर तुम्हें गोद में |
आशा
भाषा नहीं भाव प्रवल हैं
जवाब देंहटाएंतुम्हारे मधुर स्पर्श में
|मन मेरा गदगद होता
पा कर तुम्हें गोद में |......बहुत सुन्दर भाव ...
यह मधुर भावाभिव्यक्तिपूर्ण परिचय प्यारी आहना का प्रतीत होता है ! है ना ? उसे मेरा ढेर सारा प्यार औए आशीर्वाद दीजियेगा ! उससे मिलने की उत्कंठा तीव्र होती जा रही है ! बहुत प्यारी रचना !
जवाब देंहटाएंekdam dil se nikli hui, saral aur sunder.....
जवाब देंहटाएंइस भोली भाली सूरत में
जवाब देंहटाएंकितने राज छुपाए हैं
मन मोहनी मुस्कान से
अपने भाव जताए हैं|
भावपूर्ण रचना.....
बहुत सुन्दर...
जवाब देंहटाएंआपके भाव हम तक भी पहुंचे...
सादर
अनु
बच्चों की भोली सूरत में,बसते है भगवान
जवाब देंहटाएंउनके भावो को समझते नही,हम नादाँ इंसान,,,,,
RECENT POST...: जिन्दगी,,,,
इन नयनो के भाव आपके शब्दों से छलककर हम तक पहुच रहे हैं... बहुत सुन्दर रचना... आभार
जवाब देंहटाएंसंध्या जी रचना अच्छी लगी इस हेतु धन्यवाद |
हटाएंभाषा नहीं भाव प्रबल है , नन्हे की तस्वीर में भी !
जवाब देंहटाएंक्या सच में |यह है नन्हीं आहना मेरे नाती की बेटी |
हटाएंbhasha nahi bhaav prabal hai.bahut pyari kavita
जवाब देंहटाएंकनु जी टिप्पणी हेतु धन्यवाद |
हटाएंआशा
चित्र देखकर आ गई, बालकपन की याद।
जवाब देंहटाएंलौट रहा फिर बचपना, अब पचपन के बाद।।
शास्त्री जी यह मेरे नाती की लडकी है इसका नाम आहना रखा है |टिप्पणी हेतु धन्यवाद
जवाब देंहटाएंमधुर कृति
जवाब देंहटाएंअनु जी आपको टिप्पणी हेतु धन्यवाद |ऐसा ही स्नेह बनाए रखिये |
हटाएंआशा
बच्चे बिना कुछ कहे भी कितना कुछ कह जाते हैं.
जवाब देंहटाएंउसे देख कर इतनी प्रसन्नता होती है कि शब्दों में बयान नहीं कर पाती |
हटाएंआपको टिप्पणी हेतु धन्यवाद |
संगीता जी आपका आभार मेरी रचना नई पुरानी हलचल में शामिल करने के लिए |
जवाब देंहटाएंनन्ही सी आहना की फोटो देख कर बहुत अच्छा लगा।
जवाब देंहटाएंबेहतरीन लिखी हैं आंटी!
सादर