11 सितंबर, 2012

हो कौन ?



हो कौन ?कहाँ से आए ?
मकसद क्या यहाँ आने का ?
इधर उधर की ताका झांकी
निरुद्देश्य नहीं लगती
चिलमन की ओट से जो चाँद देखा
क्या उसे खोज रहे हो ?
उससे मिलने की चाह में
 या ऐसे ही धूम रहे हो |
कारण कौशल से छिपाया
मुखौटा चहरे पर लगाया
पर आँखें उसे ही खोजतीं
जिसे रिझाने आए हो |
यदि थोड़ी भी सच्चाई होती
लोगों से आँखें नहीं चुराते
प्रश्नों से बचना न चाहते
झूठ का अभेद्य कवज
अपने साथ नहीं ढोते |
चेहरा तो छिपा लिया तुमने
पर आँखों का क्या करोगे
अक्स सच्चाई का
उनसे स्पष्ट झांकता |
सब से छिपाया नहीं बताया
अपने मन के भावों को
कैसे छिपा पाओगे
प्रेम के  आवेग को
गवाह हैं आँखें तुम्हारी
 उजागर होते भावों की |
आशा




13 टिप्‍पणियां:

  1. सच है आँखें मन का आईना होती हैं, सच्चाई कह ही देती हैं...
    सुन्दर रचना... आभार आशा जी

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  2. आँखें मन का आइना होती हैं ! सब कुछ बयान कर देती हैं ! सुन्दर रचना !

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  3. या ऐसे ही धूम (घूम )रहे हो |
    कारण कौशल से छिपाया
    मुखौटा चहरे(चेहरे ) पर लगाया

    झूठ का अभेद्य कवज(कवच )
    अपने साथ नहीं ढोते |

    कैसे छिपा पाओगे
    प्रेम के आवेग को
    गवाह हैं आँखें तुम्हारी
    उजागर होते भावों की |

    जबकि चेहरा सब कुछ बोलता है ,
    हो निर्दोष जरा सा ...बढ़िया प्रस्तुति आशा जी सक्सेना .
    ram ram bhai
    मंगलवार, 11 सितम्बर 2012
    देश की तो अवधारणा ही खत्म कर दी है इस सरकार ने

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  4. आँखे कह देती अहिं दिल का हाल सभी ...
    सुन्दर रचना ...

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  5. वाह ... बेहतरीन अभिव्‍यक्ति ।

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  6. चेहरा तो छिपा लिया तुमने
    पर आँखों का क्या करोगे
    अक्स सच्चाई का
    उनसे स्पष्ट झांकता |
    सब से छिपाया नहीं बताया
    अपने मन के भावों को
    कैसे छिपा पाओगे
    प्रेम के आवेग को
    गवाह हैं आँखें तुम्हारी
    उजागर होते भावों की |............ये आँखें ये रंगत सब कुछ कह रही है ....तेरी सुबह कह रही है तेरी रात का फ़साना .....देह की अपनी बड़ी सशक्त भाषा होती है जिसका मुख हमारी आँखें ही तो होतीं हैं ....यही है देह भाषा ,दैहिक मुद्रा ,दैहिक लिपि ,मानो या न मानो ...तुमने प्रेम किया है ....तुमने ही कहा था एक दिन -अगर तलाश करोगे ,कोई मिल ही जाएगा ,मगर वो आँखें हमारी ,कहाँ से लाएगा ?
    बुधवार, 12 सितम्बर 2012
    देश की तो अवधारणा ही खत्म कर दी है इस सरकार ने .

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  7. इस टिप्पणी को एक ब्लॉग व्यवस्थापक द्वारा हटा दिया गया है.

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  8. दिल का आईना होती हैं आंखें ।

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