आंसुओं का कोई
रंग नहीं होता
रहते रंग हीन सदा
चाहे जब भी आएं
हंसते हंसते
या दुख में बह जाएँ
स्वाद उनका रहता
सदा एकसा खारा
हों वे चाहे खुशी के
या गम की देन
समय भी नहीं
निर्धारित उनका
सुबह हो शाम हो या
गहराती रात हो
कारण उनके आने का
अनिश्चित होता
कभी वे बेमतलब भी
आँखें नम कर जाते
अकारण टपक जाते
पर रूप उनका
रहता सदा एकसा
टप टप टपकते
झर झर झरते
गोल गोल मोटे मोटे
बाहर आने का
बहाना खोजते |
आशा
वाह! क्या बात है!!
जवाब देंहटाएंकृपया इसे भी देखें-
जमाने के नख़रे उठाया करो!
ये आंसू मेरे दिल की जुबां हैं ,मैं रो दूं तो रो दें आंसू ,मैं हंस दूं तो हंस दे आंसू ,....हर दम मेरे संग साथ हैं ,मेरी देह मुद्रा देह भाषा के मूक साक्षी हैं ये आंसू ,मेरी केमिस्ट्री का राज हैं ,संगीत और साज़ हैं ,फिर भी बे -आवाज़ हैं ,भाषा और संवाद हैं ,मैं राजी तो आंसू राजी ....
जवाब देंहटाएंनारी शक्ति :भर लो झोली सम्पूरण से
ye aansu bade kimti hote hai pyar me
जवाब देंहटाएंसुंदर कविता आशा जी !
जवाब देंहटाएंसुन्दर भावभीनी रचना...
जवाब देंहटाएंये आँसू मेरे दिल की जुबान हैं !
जवाब देंहटाएंमैं रोऊँ तो रो दें आँसू ,
मैं हँस दूँ तो हँस दें आँसू !
वाकई आँसू दिल का आईना ही तो है ! सुन्दर रचना !
aansoo hi to hain jo gum aur khushi dono me saman tareeke se hmara saath dete hai
जवाब देंहटाएंकभी वे बेमतलब भी
जवाब देंहटाएंआँखें नाम कर जाते
अकारण टपक जाते
पर रूप उनका
रहता सदा एकसा...
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति...!
जवाब देंहटाएंमैं हँस दूँ तो हँस दें आँसू !
........ सुन्दर रचना !
भावपूर्ण रचना ...
जवाब देंहटाएंआंसुओं की अपनी कहानी ...
बहुत खूब....|
जवाब देंहटाएंI'm not sure where you are getting your info, but great topic. I needs to spend some time learning much more or understanding more. Thanks for wonderful info I was looking for this information for my mission.
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