13 अप्रैल, 2013

नव गीत

है प्रेरित
 नव विचारों से 
ना ही बंधा
 किसी बंधन से 
है उद्बोधक 
सरल सहज 
नव सोच का 
उत्साह से परिपूर्ण 
नव गीत 
नव विधा में
चेतना जागृत करता 
भाव मधुर
 मुखरित होते 
सत्य से 
पीछे न हटते 
सद विचारों से
घट भरता
जब छलकता
 बहकता
हर तथ्य 
उजागर करता
है सोच
 युवा वर्ग का
चेतना है 
जाग्रति है 
अभिव्यक्ति है |
जन मानस का 
समस्त सोच
 समाहित होते
इस में 
परिलक्षित होते
नव गीत के रूप में |





16 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत ही सुन्दर और सार्थक क़भिवुलती.आभार आदरेया.

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  2. बहुत ही बढ़िया नवगीत सुंदर प्रस्तुति,आभार
    Recent Post : अमन के लिए.

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  3. बहुत सुन्दर....बेहतरीन प्रस्तुति
    पधारें "आँसुओं के मोती"

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  4. आशा दीदी सुंदर रचना के लिए बधाई स्वीकारें''माँ वैष्णो देवी ''

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  5. सुन्दर व् सार्थक प्रस्तुति .नवसंवत्सर की बहुत बहुत शुभकामनायें

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  6. नवरात्रों की बहुत बहुत शुभकामनाये
    आपके ब्लाग पर बहुत दिनों के बाद आने के लिए माफ़ी चाहता हूँ
    बहुत खूब बेह्तरीन अभिव्यक्ति!शुभकामनायें
    आज की मेरी नई रचना आपके विचारो के इंतजार में
    मेरी मांग

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  7. सुंदर प्रस्तुति ... बेहतरीन रचना !!

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  8. सुंदर प्रस्तुति ... बेहतरीन रचना !!

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  9. बहुत बढ़िया ! सुंदर प्रस्तुति !

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  10. बढ़िया -
    शुभकामनायें स्वीकारें-

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