नव विचारों से
ना ही बंधा
किसी बंधन से
है उद्बोधक
सरल सहज
नव सोच का
उत्साह से परिपूर्ण
नव गीत
नव विधा में
चेतना जागृत करता
भाव मधुर
मुखरित होते
सत्य से
पीछे न हटते
सद विचारों से
घट भरता
जब छलकता
बहकता
हर तथ्य
उजागर करता
है सोच
युवा वर्ग का
चेतना है
जाग्रति है
अभिव्यक्ति है |
जन मानस का
समस्त सोच
समाहित होते
इस में
परिलक्षित होते
नव गीत के रूप में |
नव गीत के रूप में |
बहुत ही सुन्दर और सार्थक क़भिवुलती.आभार आदरेया.
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर गीत .....
जवाब देंहटाएंसादर
अनु
बहुत ही बढ़िया नवगीत सुंदर प्रस्तुति,आभार
जवाब देंहटाएंRecent Post : अमन के लिए.
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर....बेहतरीन प्रस्तुति
पधारें "आँसुओं के मोती"
आशा दीदी सुंदर रचना के लिए बधाई स्वीकारें''माँ वैष्णो देवी ''
जवाब देंहटाएंसुन्दर व् सार्थक प्रस्तुति .नवसंवत्सर की बहुत बहुत शुभकामनायें
जवाब देंहटाएं.बेहतरीन प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंlatest post वासन्ती दुर्गा पूजा
LATEST POSTसपना और तुम
नवरात्रों की बहुत बहुत शुभकामनाये
जवाब देंहटाएंआपके ब्लाग पर बहुत दिनों के बाद आने के लिए माफ़ी चाहता हूँ
बहुत खूब बेह्तरीन अभिव्यक्ति!शुभकामनायें
आज की मेरी नई रचना आपके विचारो के इंतजार में
मेरी मांग
सुंदर प्रस्तुति ... बेहतरीन रचना !!
जवाब देंहटाएंसुंदर प्रस्तुति ... बेहतरीन रचना !!
जवाब देंहटाएंsundar geet.....
जवाब देंहटाएंअरे वाह! बहुत ख़ूब
जवाब देंहटाएंऔर यह भी!
केतना हमे सतइबू हमार सजनी!
वाह!
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया ! सुंदर प्रस्तुति !
जवाब देंहटाएंबढ़िया -
जवाब देंहटाएंशुभकामनायें स्वीकारें-
नव गीत के लिए सुन्दर भाव ...
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