हो क्यूं उदास इतने
छोड़ो सारी बातों को
जिनसे दुःख उपजे |
वहां जाना अवश्य
दुआ भी करना
पर आंसूं न बहाना
कष्ट उसे ना पहुंचाना |
सूक्ष्म रूप धारण किये
वह भी तुम्हे निहारता होगा
याद भी करता होगा
पर तुम्हें बता नहीं सकता |
जो यादें वह
पीछे छोड़ गया
पीछे छोड़ गया
उन्हें जीवित रख
सहज सफर उसका करना
वह लौट तो न पायेगा
स्मृतियों में उसे
जीवित रखना |
जीवित रखना |
उसकी हर बात
जो हंसाती थी
गुदगुदाती थी
गुदगुदाती थी
बहुत सहेज कर रखना |
तब ही वे लम्हे जी पाओगे
यादें जब ताजा होंगी
तब अकेले नहीं होगे
उसके बहुत करीब होगे
उदासी भूल जाओगे |
उदास मन की यादों की सुन्दर प्रस्तुति !
जवाब देंहटाएंlatest post"मेरे विचार मेरी अनुभूति " ब्लॉग की वर्षगांठ
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Beautiful as always.
जवाब देंहटाएंहर एक को जाना है .... उदास हो कर जाने वाले का सफर कष्टमय नहीं करना चाहिए .... सुंदर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंकोशिश तो यही रहती हैं मगर दिल कहाँ मानता है...उदासी मन को घेर ही लेती है
जवाब देंहटाएं:-(
सादर
अनु
बेहतरीन भावपूर्ण रचना,आभार,
जवाब देंहटाएंRECENT POST : क्यूँ चुप हो कुछ बोलो श्वेता.
बेहतरीन भावपूर्ण रचना,आभार,
जवाब देंहटाएंRECENT POST : क्यूँ चुप हो कुछ बोलो श्वेता.
बहुत ही सुन्दर भावपूर्ण प्रस्तुति,आभार.
जवाब देंहटाएं"महिलाओं के स्वास्थ्य सम्बन्धी सम्पूर्ण जानकारी
"
बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
जवाब देंहटाएंआपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि-
आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल बुधवार (17-04-2013) के "साहित्य दर्पण " (चर्चा मंच-1210) पर भी होगी! आपके अनमोल विचार दीजिये , मंच पर आपकी प्रतीक्षा है .
सूचनार्थ...सादर!
मन यही कामना करता है ,उदास हो तो भी दिखाना नहीं चाहता!
जवाब देंहटाएंसच कहा है यादों के बीच कौन अकेला होता है ...
जवाब देंहटाएंजाना भी हर किसी को होता है .. ये तो रीत है ..
बेहतरीन रचना | आभर
जवाब देंहटाएंकभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |
Tamasha-E-Zindagi
Tamashaezindagi FB Page
स्मृतियों में उसे
जवाब देंहटाएंजीवित रखना......भावनात्मक स्पंदन।
मन को आश्वस्त करती और सांत्वना सी देती एक बहुत ही सशक्त रचना ! सार्थक प्रस्तुति !
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