एक हथोड़ा व एक बांसुरी
एक साथ रहते
जीवन कितना गुजर गया
यह तक नहीं सोचते |
था हथोड़ा कर्मयोगी
महनतकश पर हट योगी
सदा भाव शून्य रहता
खुद को बहुत समझता |
थी बांसुरी स्वप्न सुन्दरी
कौमलांगिनी भावों से भरी
मदिर मुस्कान बिखेरती
स्वप्नों में खोई रहती |
जब भी ठकठक सुनती
तंद्रा उसकी भंग होती
आघात मन पर होता
तभी वह विचार करती |
क्या कोइ स्थान नहीं उसका
उस कर्मठ के जीवन में
पर शायद वह सही न थी
भावनाएं सब कुछ न थीं
जीवन ऐसे नहीं चलता
ना ही केवल कर्मठता से |
जो डूबा रहता भावों में
कल्पना की उड़ानों में
तब घर घर नहीं रहता
संधर्ष सदा होता रहता |
यह कैसा संयोग कि
दौनों साथ साथ रहते
एक दूसरे को समझते
आवश्यकताएं जानते
एक की कर्मठता
और दूसरे की भावनाएं
यदि साथ ना होतीं
जीवन कितना नीरस होता |
आशा
wah,bahut khoob,sahastitw ka bodh karati sundar bhawabhivykti
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जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर भावनात्मक अभिव्यक्ति .आभार . मेरी किस्मत ही ऐसी है .
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अन्दर की बात करती अच्छी कविता।
जवाब देंहटाएंबहुत ही बेहतरीन सुन्दर रचना,आभार है आपका.
जवाब देंहटाएंआपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टि की चर्चा कल मंगलवार २ १ / ५ /१ ३ को चर्चामंच पर राजेश कुमारी द्वारा की जायेगी आपका वहां स्वागत है ।
जवाब देंहटाएंआपकी यह रचना कल मंगलवार (21 -05-2013) को ब्लॉग प्रसारण अंक - २ पर लिंक की गई है कृपया पधारें.
जवाब देंहटाएंयह कैसा संयोग कि
जवाब देंहटाएंदौनों साथ साथ रहते
एक दूसरे को समझते
आवश्यकताएं जानते
एक की कर्मठता
और दूसरे की भावनाएं
यदि साथ ना होतीं
जीवन कितना नीरस होता |
kitna sach aur behtareen likhte ho aap :)
एक की कर्मठता दुसरे की भावनाएं यदि साथ न होती तो जीवन कितना नीरस होता......... बहुतखुबसूरत रचना !!
जवाब देंहटाएंएक की कर्मठता दुसरे की भावनाएं यदि साथ न होती तो जीवन कितना नीरस होता......... बहुतखुबसूरत रचना !!
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर रचना...आभार
जवाब देंहटाएंदार्शनिकता से ओतप्रोत सुंदर रचना ! जीवन में जब कर्मठता और कोमल भावनाओं का श्रेष्ठ संतुलन होता है तब ही जीवन में पूर्णता का अहसास होता है ! बहुत बढ़िया रचना !
जवाब देंहटाएंसच कहा है ... दोनों की जरूरत है जीवन में ... कभिकथोर तो कभी कोमल ...
जवाब देंहटाएंभावनामय रचना ...
कठोर और मृदुल में सुन्दर संतुलन ...वाह, अद्भुत !!!
जवाब देंहटाएंअच्छी कविता बेहतरीन सुन्दर रचना दोनों की जरूरत है जीवन में
जवाब देंहटाएंआपकी तमाम बेहतरीन रचनाओं में से एक ..बिलकुल सच कहा है आपने ..दोनों की उपस्थिति जीने के लिए अनिवार्य है ..सादर प्रणाम के साथ
जवाब देंहटाएंअजीब मधुर संयोग है....
जवाब देंहटाएंसुन्दर और अद्भुत....
सुन्दर रचना. बिना दोनों के जीवन का पूरा आनंद कहाँ.
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर!!!!
जवाब देंहटाएंसादर
अनु