सारा दिन व्यर्थ गवाया
कोइ काम रास न आया
पर पश्च्याताप अवश्य
बारम्बार हुआ
क्यूं नहीं सदउपयोग
समय का कर पाया |
पर अब क्या फ़ायदा
दुःख मनाने से
मन में संताप जगाने से
बीता समय लौटेगा नहीं
जो कुछ पीछे छूट गया
वह भी हाथ में आना नहीं |
एक शिक्षा अवश्य मिली
समय का महत्व समझ
उसे शीश के अग्र भाग से
पकड़ो
एक एक पल का सदुपयोग करो
मन लगे या न लगे
कर्म का महत्व समझो |
आशा
|
मन लगे या न लगे
जवाब देंहटाएंकर्म का महत्व समझो |
.............सही कहा आपने आशा माँ कर्म का महत्व हमे समझना होगा
बीता कितना समय व्यर्थ, अर्थहीन कुछ कर्म |
जवाब देंहटाएंआज हुआ अफ़सोस है, व्यथित हुआ है मर्म |
व्यथित हुआ है मर्म, शर्म भी हमें आ रही |
हो पाए ना दूध, बन चुका जो सखी दही |
कितना सुन्दर तथ्य, दिया दर्शन ज्यों गीता |
पुन: नहीं हो प्राप्त, समय बीता सो बीता ||
बने दुबारा दूध, दही जो पड़े जमाये-
जवाब देंहटाएंआपकी उत्कृष्ट प्रस्तुति का लिंक लिंक-लिक्खाड़ पर है ।। त्वरित टिप्पणियों का ब्लॉग ॥
गज़ब की प्रस्तुति , बहुत खूब, खूबशूरत अहसाह सार्थक प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंवाह !!! बहुत उम्दा लाजबाब सार्थक प्रस्तुति,,,
जवाब देंहटाएंRECENT POST: गुजारिश,
वाह बहुत खूब
जवाब देंहटाएंबेहद सुन्दर प्रस्तुतीकरण ....!
जवाब देंहटाएंआपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टि की चर्चा कल बुधवार (10-07-2013) के .. !! निकलना होगा विजेता बनकर ......रिश्तो के मकडजाल से ....!१३०२ ,बुधवारीय चर्चा मंच अंक-१३०२ पर भी होगी!
सादर...!
शशि पुरवार
आपकी रचना कल बुधवार [10-07-2013] को
जवाब देंहटाएंब्लॉग प्रसारण पर
कृपया पधार कर अनुग्रहित करें |
सादर
सरिता भाटिया
बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
जवाब देंहटाएंसाझा करने के लिए आभार!
बहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंमन लगे या न लगे
जवाब देंहटाएंकर्म का महत्व समझो.....
सही कहा आपने कर्म ही सब कुछ है ... बहुत सुंदर प्रस्तुति!!
मन के मते न चालिए ,छाँड़ि जीव की बानि .
जवाब देंहटाएं- मन की न मान कर , सोच-विचार पर चलें तो पछताना न पड़े .
सार्थक सन्देश देती सुंदर रचना ! बहुत बढ़िया !
जवाब देंहटाएंमन लगे या न लगे
जवाब देंहटाएंकर्म का महत्व समझो
...बहुत सटीक और सार्थक अभिव्यक्ति...
बहुत ही सहज शब्दों में कितनी गहरी बात कह दी आपने..... खुबसूरत अभिवयक्ति....
जवाब देंहटाएंसार्थक सन्देश देती सुंदर रचना ! बहुत बढ़िया !
जवाब देंहटाएंकभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |