09 जुलाई, 2013

सदुपयोग समय का



सारा दिन व्यर्थ गवाया
कोइ काम रास न आया
पर पश्च्याताप अवश्य
बारम्बार हुआ  
 क्यूं नहीं सदउपयोग
समय का कर पाया |
पर अब क्या फ़ायदा
दुःख मनाने से
 मन में संताप जगाने से
बीता समय लौटेगा नहीं
जो कुछ पीछे छूट गया
वह भी हाथ में आना नहीं |
एक शिक्षा अवश्य मिली
समय का महत्व समझ
उसे शीश के अग्र भाग से पकड़ो
एक एक पल का सदुपयोग करो
मन लगे या न लगे
कर्म का महत्व समझो |
आशा
 |


16 टिप्‍पणियां:

  1. मन लगे या न लगे
    कर्म का महत्व समझो |
    .............सही कहा आपने आशा माँ कर्म का महत्व हमे समझना होगा

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  2. बीता कितना समय व्यर्थ, अर्थहीन कुछ कर्म |
    आज हुआ अफ़सोस है, व्यथित हुआ है मर्म |
    व्यथित हुआ है मर्म, शर्म भी हमें आ रही |
    हो पाए ना दूध, बन चुका जो सखी दही |
    कितना सुन्दर तथ्य, दिया दर्शन ज्यों गीता |
    पुन: नहीं हो प्राप्त, समय बीता सो बीता ||

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  3. बने दुबारा दूध, दही जो पड़े जमाये-



    आपकी उत्कृष्ट प्रस्तुति का लिंक लिंक-लिक्खाड़ पर है ।। त्वरित टिप्पणियों का ब्लॉग ॥

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  4. गज़ब की प्रस्तुति , बहुत खूब, खूबशूरत अहसाह सार्थक प्रस्तुति

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  5. वाह !!! बहुत उम्दा लाजबाब सार्थक प्रस्तुति,,,

    RECENT POST: गुजारिश,

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  6. बेहद सुन्दर प्रस्तुतीकरण ....!
    आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टि की चर्चा कल बुधवार (10-07-2013) के .. !! निकलना होगा विजेता बनकर ......रिश्तो के मकडजाल से ....!१३०२ ,बुधवारीय चर्चा मंच अंक-१३०२ पर भी होगी!
    सादर...!
    शशि पुरवार

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  7. आपकी रचना कल बुधवार [10-07-2013] को
    ब्लॉग प्रसारण पर
    कृपया पधार कर अनुग्रहित करें |
    सादर
    सरिता भाटिया

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  8. बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
    साझा करने के लिए आभार!

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  9. मन लगे या न लगे
    कर्म का महत्व समझो.....
    सही कहा आपने कर्म ही सब कुछ है ... बहुत सुंदर प्रस्तुति!!

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  10. मन के मते न चालिए ,छाँड़ि जीव की बानि .
    - मन की न मान कर , सोच-विचार पर चलें तो पछताना न पड़े .

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  11. सार्थक सन्देश देती सुंदर रचना ! बहुत बढ़िया !

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  12. मन लगे या न लगे
    कर्म का महत्व समझो

    ...बहुत सटीक और सार्थक अभिव्यक्ति...

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  13. बहुत ही सहज शब्दों में कितनी गहरी बात कह दी आपने..... खुबसूरत अभिवयक्ति....

    जवाब देंहटाएं
  14. सार्थक सन्देश देती सुंदर रचना ! बहुत बढ़िया !
    कभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |

    जवाब देंहटाएं

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