ऋतुओं के आने जाने से
दृश्य बदलते रहते
धरती के सजने सवरने के
अंदाज बदलते रहते |
उमढ घुमड़ कर आते
काली जुल्फों से लहराते बदरा
प्यार भरे अंदाज में
सराबोर कर जाते बदरा
वह हरा लिवास धारण करती
धानी चूनर लहराती
खेतों की रानी हो जाती |
वासंती बयार जब चलती
वह फिर अपना चोला बदलती
पीत वसन पहने झूमती
नज़र जहां तक जाती
वह वासंती नज़र आती |
जब सर्द हवा दस्तक देती
वह धवल दिखाई देती
प्रातः काल चुहल करती
रश्मियों के संग खेलती
उनके रंग में कभी रंगती
तो कभी श्वेता नजर आती |
पतझड़ को वह सह न पाती
अधिक उदास हो जाती
डाली से बिछुड़े पत्तों सी
वह पीली भूरी हो जाती
विरहनी सी राह देखती
अपने प्रियतम के आने की |
ग्रीष्म ऋतु के आते ही
तेवर उसके बदल जाते
वह तपती अंगारे सी
परिधान ऐसा धारण करती
कुछ अधिक सुर्ख हो जाती
धरती नित्य सजती सवरती
नए रूप धारण करती |
आशा
बहुत खुबसूरत भावो की अभिवय्क्ति…।
जवाब देंहटाएंटिप्पणी हेतु धन्यवाद सुषमा जी
हटाएंधरती के बदलते रूपों का सुन्दर चित्रण
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर रचना...
:-)
रीना जी आप काफी समय् बाद मेरे ब्लोग् पर आईं हैं क्या बात है |टिप्पणी हेतु आभार |
हटाएंआशा
धरती के बदलते रुप का सुन्दर चित्रण...
जवाब देंहटाएंटिप्पणी हेतु आभार |
हटाएंधरती के परिवर्तित होते रूप का खुबसूरत और सुंदर अभिव्यक्ति .......!!
जवाब देंहटाएंटिप्पणी हेतु धन्यवाद
हटाएंखूबसूरत भाव और उतना ही खूबसूरत शब्द संयोजन, शुभकामनाएं.
जवाब देंहटाएंरामराम.
धन्यवाद टिप्पणी हेतु |
हटाएंबहुत खूब,सुंदर भावो की अभिव्यक्ति,,,
जवाब देंहटाएंRECENT POST : अपनी पहचान
टिप्पणी हेतु धन्यवाद
हटाएंबहुत सुंदर रचना ! धरिणी इसी तरह नए-नए रूप धारण कर हमें चमत्कृत एवँ मोहित करती रहती है !
जवाब देंहटाएंरचना पसंद आई अच्छा लगा |
हटाएंप्रकृति के भिन्न2 रूप का सुन्दर चित्रण
जवाब देंहटाएंlatest post केदारनाथ में प्रलय (२)
टिप्पणी हेतु धन्याद
हटाएंसुंदर भाव...
जवाब देंहटाएंयही तोसंसार है...
टिप्पणी हेतु धन्यवाद कुलदीप जी |
हटाएंआशा
nice expression aasha ji
जवाब देंहटाएंबहुत दिन बाद आपका कमेन्ट देखा है शालिनी जी |इस हेतु धन्यवाद |
हटाएंआशा
सूचना हेतु धन्यवाद अरुण जी |
जवाब देंहटाएंसूचना हेतु धन्यवाद यशवंत जी |
जवाब देंहटाएंआशा
waah dhara ke vivid rupon ko apki lekhni bahut khubsurati se ukera hai ..sadar naman :)
जवाब देंहटाएंधन्यवाद टिप्पणी हेतु |
हटाएंआशा
bahut badhiya
जवाब देंहटाएंधन्यवाद |
हटाएंधरती के विभिन्न रूपों की छटा बहुत सुंदर है .
जवाब देंहटाएंआपको टिप्पणी हेतु धन्यवाद |
हटाएंधरती नित रंग बदलती
जवाब देंहटाएंनये रूप धारण करती ।
बहुत सुंदर प्रस्तुति ।
धन्यवाद आशा जी |
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