ऐ पुरसुकून जिन्दगी
ऐ पुरसुकून जिन्दगी
तुझे किसी की नज़र न लगे
क्या सुबह क्या शाम
तुझ में महक रहे |
सुबह तेरे नाम हो
शामेंगम ना साथ हो
मद मस्त चांदनी रात में
वादे सवा का साथ हो
मन में खुशी रहे |
वादा खिलाफ़ी ना कोई करे
तुझ में ही डूबा रहे
उसके ख्यालों में
बस तू ही तू रहे |
आपकी यह रचना कल मंगलवार (16-07-2013) को ब्लॉग प्रसारण : नारी विशेष पर लिंक की गई है कृपया पधारें.
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
हटाएंइस हेतु आभार अरुण जी
हटाएंवाह बेहतरीन कविता, शुभकामनाएं.
जवाब देंहटाएंरामराम.
टिप्पणी हेतु आभार |
हटाएंबहुत खूब,सुंदर रचना,,,
जवाब देंहटाएंRECENT POST : अपनी पहचान
धन्यवाद धीरेन्द्र जी |
हटाएंये पुरसुकून जिंदगी
जवाब देंहटाएंतुझे किसी की नजर न लगे
बहुत खुबसूरत अभिव्यक्ति .......!!
आपकी टिप्पणी हेतु धन्यवाद |
हटाएंसुन्दर-
जवाब देंहटाएंआभार आदरणीया-
धन्यवाद रविकर जी |
हटाएंबहुत ही सुंदर आकांक्षा और बहुत ही मनभावन प्रस्तुति ! आनंद आ गया ! बहुत खूब !
जवाब देंहटाएंटिप्पणी हेतु आभार
हटाएंबहुत ही लाजवाब पोस्ट
जवाब देंहटाएंसादर .....
विभा जी टिप्पणी हेतु धन्यवाद |
हटाएंवाह बहुत खूब
जवाब देंहटाएंधन्यवाद अंजू जी |
हटाएंआमीन इससे खूबसूरत जिंदगी और क्या होगी ।
जवाब देंहटाएंधन्यवाद आशा जी |
हटाएंबेहद सुन्दर प्रस्तुतीकरण ....!!
जवाब देंहटाएंआपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा आज बुधवार (17-07-2013) को में” उफ़ ये बारिश और पुरसूकून जिंदगी ..........बुधवारीय चर्चा १३७५ !! चर्चा मंच पर भी होगी!
सादर...!
बहुत खुबसूरत विचार ,जिंदगी ऐसा ही हो !आमीन!!
जवाब देंहटाएंlatest post सुख -दुःख
धन्यवाद कालीपद जी
हटाएंवाह ..
जवाब देंहटाएंबहत्त खूब , बधाई आपको !
धन्यवाद सतीश जी
हटाएंबधाई आपको !नज़र न लगे..
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
हटाएंजिंदगी यूं ही सुकून से बीतती रहे ... आमीन ...
जवाब देंहटाएंधन्यवाद नासवा जी |
हटाएंअति सुंदर रचना
जवाब देंहटाएंधन्यवाद मिश्रा जी |
हटाएंआशा
बहुत सुंदर, शुभकामनाये
जवाब देंहटाएंयहाँ भी पधारे
http://saxenamadanmohan.blogspot.in/
टिप्पणी हेतु आभार सक्सेना जी |
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर लिखा है....
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
हटाएंbahut sundar...
जवाब देंहटाएंधन्यवाद सचिन जी |
हटाएंआशा